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75 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले 12 पेंषनरों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ

झाबुआ। समाज व परिवार में बुजुर्ग वटवृक्ष का रूप होता है। उनके आदर्श संस्कारों का युवा पीढ़ी को जीवन में अनुसरण करना चाहिए। बुजुर्गों का मान-सम्मान हमारी सुसभ्य संस्कृति ,स्वस्थ्य मानसिकता का परिचायक है।

बदलते परिवेश में नई पीढ़ी को बुजुर्गों के अनुभव सीख से प्रेरणा मिलती है। यह बात जिला पेंशनर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रतनसिंह राठौर ने रविवार को 75 वर्ष की आयु पार चुके 12 पेंशनरों के लिये थांदला में आयोजित सम्मान समारोह में उपस्थित पेंशनरों को संबोधित करते हुए कहीं । संगठन की थांदला शाखा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बाल श्रमिक न्यायालय पीठ के जिला अध्यक्ष अशोक अरोडा, स्टेट बैंक इण्डिया के स्थानीय शाखा प्रबंधक दिलीप धाकड, एवं कृषि विकास शाखा के प्रबंधक रामजी राय, पेटलावद संगठन के अध्यक्ष एनएल रावल, मेघनगर के केएल सांकला, सेवा निवृत प्राचार्य पीके उपाध्याय, थांदला संगठन के अध्यक्ष पीएल मोड विशेष रूप मचांसिन थे ।


अतिथियों द्वारा मां सरस्वतीजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया तथा जगदीश शुक्ला ने संस्कृत में स्वरचित सरस्वती वंदना प्रस्तुत की । कार्यक्रम का संचालन संगठन के सचिव जगमोहनसिंह राठौर ने किया । संगठन के जिलाध्यक्ष रतनसिंह राठौर ने अपने संबोधन में कहा कि जिस परिवार को बुजुर्ग का आशीर्वाद मिल जाता है, वह खुशनसीब होता है और निरंतर तरक्की भी करता है।

उन्होंने युवा पीढी को सामाजिक परिवर्तन के दौर में अपनी सेवाभावी सोच को मानसिक विचार बनाने का आहवान किया। साथ ही बुजुर्गों की सेवा और उनकी उचित देखभाल का दायित्व निभाने की बात कही। राठौर ने कहा कि कोई भी सेवा निवृत नही होता हे बल्कि वह स्वतंत्र हो जाता है । उन्होने माह नवम्बर में अभी तक 80 प्रतिशत सेवा निवृत कर्मचारियों द्वारा जीवित प्रमाणपत्र बैंकों में प्रस्तुत किये जाने की जानकारी देते हुए कहा कि 85 साल या उससे अधिक आयु के पेंशनर यदि बेंक मे जाने को सक्षम नही हो तो बैंक स्वयं उनके निवास पर जाकर जीवित प्रमाणपत्र प्राप्त करता है यह प्रावधान ऐसे बुजुर्गो के लिये शासन द्वारा किया गया हे । श्री राठौर ने पेंशनरों की लम्बित मांगों का जिक्र करते हुए तथा अभी तक केन्द्र सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों की तरह मध्यप्रदेश के पेंशनरों को महंगाई राहत नही दिये जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदेश के निर्देशानुसार 7 दिसम्बर को प्रदेशव्यापी धरना एवं मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम से ज्ञापन दिये जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।

जिला बाल श्रामिक न्यायालय के अध्यक्ष अशोक अरोडा ने अपने उदबोधन में पेंशनरों द्वारा लम्बे कार्यकाल तक शासकीय सेवायें देने को राष्ट्रसेवा बताते हुए पेंशनरों को व्यस्त रहने तािा समाजसेवा के कार्यो में सलग्न रहने का आव्हान किया । उन्होने समाज एवं गा्रमीण अंचलों में व्याप्त कुरूतियों, नशाखोरी, आदि के निर्मूलन के लिये अपनी भागीदारी निभाने का आव्हान करते हुए पेंशनरों के लिये सदैव अपनी सेवायें देेने का भरोसा दिलाया ।

स्टेंट बैंक आफ इण्डिया के शाखा प्रबंधक दिलीप धाकड ने पेंशनरों के हित में सदेैव सहयोग करने तथा उनकी समस्याओं के निदान में हर संभव प्रयास का भरोसा दिलाते हुए पेंशनरों को बेंक द्वारा दिये जाने वाली ऋण सुविधा के बारे में विस्तार से बतायाहमेशा एटीएम का उपयोग करने तथा स्टेट बेंक की बेव साईड के माध्यम से मिलने वाली सुविधा की जानकारी दी । बैेंक प्रबंधक कृषि विकास रामजी राय ने भी पेंशनरों को संबोधित करते हुए पेंशनरों से ज्वाईंट अकाउंट संचालित करने तथा नामिनेशन करवाने का आव्हान किया । बेंक से आये दिन होने वाले फ्रॉड के बारे में उन्होने अपना पीन नम्बर एवं पासवर्ड किसी को भी नही बताने की जानकारी देते हुए बेेंक में रकम निवेश करने तािा उससे मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तरी से बताया । उन्होने पेंशनरों को समय पर पेंशनर संघ को अपनी सदस्यता राशि जो मात्र 100 रुपये वार्षिक है, जमा कराने का आव्हान भी किया ।

थांदला से मृदुभाषी के लिए शाहिद खान की रिपोर्ट

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