राजस्थान की राजधानी जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMCHRC) में शख्स के प्राइवेट पार्ट में कैंसर हो गया था, जिसके बाद डॉक्टर्स ने उस मरीज के लिंग को हटाकर उसके हाथ की त्वचा, ब्लड वेसल्स, और नसों के जरिए नया पेनिस बनाकर सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया है. तक़रीबन 8 घंटे की इस जटिल सर्जरी में 5 डॉक्टर्स समेत 11 लोगों की एक टीम शामिल रही.
इस सर्जरी में डॉ. प्रशांत शर्मा की टीम ने सबसे पहले कैंसरग्रस्त लिंग को निकाला। इसके बाद प्लास्टिक व रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन डॉ. उमेश बंसल और डॉ. सौरभ रावत की टीम ने लिंग पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को अंजाम दिया. डॉ. उमेश बंसल ने बताया कि एक ही ऑपरेशन में कैंसरयुक्त लिंग को निकालना और पूरे लिंग को फिर से बनाना एक जटिल प्रक्रिया है।
डॉक्टरों की बड़ी कामयाबी
सर्जरी के दौरान सबसे पहले रोगी के बाएं हाथ की त्वचा, रक्त वाहिकाओं और नसों को लेकर एक लिंग का निर्माण किया गया। उसके बाद सूक्ष्म तकनीक की मदद से नवगठित लिंग को उसके स्थान पर प्रत्यारोपित कर दिया गया। बाद में उसमें रक्त प्रवाह शुरू हो गया। इस सर्जरी में माइक्रो सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल किया गया।
जेंडर रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी 2017 में बीएमसीएचआरसी में ही की गई थी
डॉ. प्रशांत शर्मा ने बताया कि कैंसर के मरीजों में करीब चार फीसदी जननांग के कैंसर से पीड़ित पुरुष मरीज होते हैं. इनमें से लगभग 50 प्रतिशत रोगियों को इलाज के तौर पर लिंग को हटाना पड़ता है। प्लास्टिक सर्जन डॉ. सौरभ रावत ने बताया कि राज्य की पहली जेंडर रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी 2017 में बीएमसीएचआरसी में ही की गई थी। अस्पताल में अब तक 10 लिंग पुनर्निर्माण किए जा चुके हैं।