Mradhubhashi
Search
Close this search box.

हल्द्वानी में अभी नहीं चलेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट हजारों परिवारों को बड़ी राहत

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा गफूर बस्ती में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। आदेश के बाद से ही लोग आशियाना बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे। जिस पर अब सुप्रीम रोक लग चुकी है।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन से 4000 परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद 4000 परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजते हुए उत्तराखंड सरकार ओर रेलवे से इस मामले पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि रातों रात आप 50 हजार लोगों को नहीं हटा सकते। यह एक मानवीय मामला है।

दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की 29 एकड़ जमीन है। इस जमीन पर कई साल पहले कुछ लोगों ने कच्चे घर बना लिए थे। धीरे-धीरे यहां पक्के मकान बन गए और धीरे-धीरे बस्तियां बसती चली गईं। नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था। रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा। रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है। लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा कि हमें कोई व्यावहारिक समाधान ढूंढना होगा। समाधान का ये तरीका नहीं है। जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए। इन्हें हटाने के लिए केवल एक सप्ताह का समय काफी कम है। पहले उनके पुनर्वास पर विचार हो। अब अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि उत्तराखंड सरकार इस मामले में क्या स्टैंड है? शीर्ष अदालत ने पूछा कि जिन लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है, उसे आप कैसे डील करेंगे? लोग 50-60 वर्षों से वहां रह रहे हैं। उनके पुनर्वास की कोई योजना तो होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उस जमीन पर आगे कोई निर्माण नहीं होगा। पुनर्वास योजना को ध्यान में रखा जाना चाहिए। ऐसे स्कूल, कॉलेज और अन्य ठोस ढांचे हैं जिन्हें इस तरह नहीं गिराया जा सकता है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट