नई दिल्ली। कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए मोदी सरकार कुछ ठोस और सख्त कदम उठाने का एलान बजट में कर सकती है। बजट में सरकार का फोकस छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा होगा। सरकार स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बजट में खास ध्यान दे सकती है।
अस्पतालों पर टैक्स में मिल सकती है छूट
सूत्रों का कहना है कि सरकार बजट में 100 बेड से कम के अस्पतालों पर टैक्स छूट का प्रावधान ला सकती है। इसके साथ ही अस्पतालों की मौजूदा क्षमता ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने वाली कंपनियों को भी फायदा दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। बजट के दौरान हुई बैठकों में इस बात पर विचार किया गया है कि टियर 2, टियर 3 और टियर 4 में 50 बेड वाले अस्पतालों को टैक्स छूट के दायरे में शामिल किया जाए।
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर होगा ध्यान
जबकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए 25 बेड वाले अस्पतालों में निवेश और क्षमता विस्तार पर टैक्स छूट की व्यवस्था की जा सकती है। आयकर के नियम में विशेष तरह के कारोबार में क्षमताओं का विस्तार करने पर 100 फीसदी छूट का प्रावधान है लेकिन वर्तमान समय में ये फायदा सिर्फ 100 बेड वाले अस्पतालों को मिलता है।
फिक्की की सलाह पर सरकार कर सकती है गौर
इंडस्ट्री चैम्बर फिक्की की तरफ से भी सरकार को परामर्श दिया गया हैं कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और उनको बढ़ावा देने के लिए प्रॉविडेंट फंड स्कीम की तर्ज पर हेल्थकेयर सेविंग फंड की स्थापना की जानी चाहिए। और उसमें टैक्स छूट का भी विकल्प दिया जाना चाहिए। फिक्की ने सरकार को सलाह दी है कि स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी पॉलिसी खरीदने पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को भी वर्तमान 25 से बढ़ाकर 50 हजार किया जाना चाहिए। सरकार ऐसे सभी प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है।