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Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त में होती है धन-संपदा और आरोग्य की प्राप्ति, जानिए क्या करे उपाय

Brahma Muhurta: वैदिक परंपरा में ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व है। ब्रहम मुहूर्त में जागने, देव आराधना करने और योगासन-प्राणायाम करने की बात धर्मग्रंथों में कही गई है। इन कार्यों को ब्रह्म मुहूर्त में करने से देवकृपा मिलने के साथ आरोग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त के महत्व और इससे मिलने वाले लाभ के बारे में।

सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले होता है ब्रह्म मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर 24 घंटों में से हर 48वें मिनट में मुहूर्त बदलता है। और इस तरह एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं। इन्हीं तीस मुहूर्तों में से एक शुभ मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अंतिम प्रहर का तीसरा भाग यानि सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुबह 04:15 से सुबह 05:15 तक का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। ब्रह्म मुहूर्त का गुणगान केवल शास्त्रों में ही नहीं बल्कि विज्ञान और आयुर्वेद में भी किया गया है।

ब्रह्म मुहूर्त में देवता आते हैं पृथ्वी पर

शास्त्रोक्त मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में देवता पृथ्वी लोक में विचरण करते हैं। और इस समय वायु स्वच्छ, लाभदायक और आरोग्यवर्धक होती है। इस शुभ समय में मंदिरों के पट खोले जाते हैं और देव आराधना आरंभ होती है। ब्रह्म मुहूर्त आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक सभी प्रकार से महत्वपूर्ण होता है। ब्रह्म मुहूर्त में की गई देव आराधना फलीभूत होती है। योग और प्राणायाम से आरोग्य की प्राप्ति होती है।

धर्मशास्त्रों में है वर्णन

वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण में ब्रह्म मुहूर्त का वर्णन किया गया है। लंका की अशोक वाटिका में हनुमान जी ब्रह्म मुहूर्त में ही पहुंचे थे और वहां पर सीताजी से मुलाकात की थी। मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में लंका में पहुंचने से हनुमान जी के समस्त कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो गए थे।

ऋग्वेद में ब्रह्म मुहूर्त के् संबंध में कहा गया है कि

प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृनिधत्तो।
तेन प्रजां वर्धयुमान आय यस्पोषेण सचेत सुवीर:।।’

अर्थात सूर्योदय होने से पहले उठने से इंसान स्वस्थ रहता है। और कोई भी बुद्धिमान इंसान इस समय को सोकर व्यर्थ नहीं करेगा। इस समय उठने वाले लोग हमेशा सुखी, ऊर्जावान बने रहते हैं। और उनकी आयु लंबी होती है।

शास्त्रों में भी कहा गया है कि

वर्णं कीर्तिं गतिं लक्ष्मी स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा।।

अर्थात ब्रहम मुहूर्त में जागने से व्यक्ति को सुंदर रुप, धन, दौलत, अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। इस समय उठने से शरीर कमल के फूल के समान सुन्दर हो जाता है।

सामवेद में ब्रह्म मुहूर्त के संबंध में कहा गया है कि

यद्य सूर उदितो नागा मित्रोर्यमा। सुवाति सविता भग:।।

अर्थात व्यक्ति को सूर्योदय से पहले ही शौच और स्नान आदि करके भगवान की भक्ति करनी चाहिए। इस समय की अमृत तुल्य हवा से स्वास्थ्य और लक्ष्मी दोनों में वृद्धि होती है।

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