नई दिल्ली। मुंबई की बड़ी पार्टियों में ड्रग्स का मतलब बटाटा नेटवर्क है। बटाटा यानी कि फारुख बटाटा, उसके बेटे शाहदाब बटाटा और सैफ बटाटा। कभी मुंबई की तंग गलियों में आलू बेचकर गुजारा करने वाले फारुख ने ड्रग्स के कारोबार में ऐसा कदम रखा कि फिर उसने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। आज मुंबई से लेकर देश के सभी बड़े शहरों में होने वाली रेव पार्टियों समेत नशे के लिए की जाने वाली सभी बड़ी पार्टियों में बटाटा की ही हिस्सेदारी होती है। पुलिस के मुताबिक फारुख के गैंग का नाम बटाटा सिर्फ आलू की वजह से ही पड़ा, क्योंकि मराठी में आलू को बटाटा कहते हैं।
आलू बेचकर करता था गुजारा
मुंबई पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 90 के दशक में फारुख ने मुंबई की गलियों में आलू बेचकर अपने परिवार का गुजारा करना शुरू किया। पहले फारूख उन इलाकों में आलू बेचा करता था, जहां पर अंडरवर्ल्ड के गुर्गे परिवार के साथ रहते थे। इन लोगों ने फारुख से शुरूआती दौर में छोटी मोटी ड्रग की तस्करी करवानी शुरू की, लेकिन कुछ दिनों में ही फारुख ने इस बात को भाप लिया कि वह किसी के लिए ड्रग पैडलर न बनकर बनकर खुद अपना साम्राज्य खड़ा करेगा और इसी के साथ फारुख ने ड्रग तस्करी के धंधे में अपना कदम जमाना शुरू कर दिया।
डी कंपनी से हुआ संपर्क
मुंबई पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नब्बे के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड का सिक्का चलता था। इसी दौरान वह दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के कुछ करीबियों के संपर्क में आया। चूंकि उस वक्त तक फारुख मुंबई की गलियों में आलू ही बेचा करता था, लेकिन डी कंपनी और अबू सलेम के कुछ खास गुर्गों के माध्यम से वह मुंबई के बंदरगाह इलाकों से ड्रग की तस्करी करने लगा। इसी दौरान फारुख को मुंबई बंदरगाह पर कुछ ऐसे नेटवर्क के लोग मिले जिसने उसको अपना बड़ा साम्राज्य स्थापित करने में मदद करनी शुरू की।
सबसे बड़ा कारोबार उसका गुटके और डिटर्जेंट का
पुलिस और नारकोटिक्स ब्यूरो से मिली जानकारी के मुताबिक, फारुख बटाटा का कारोबार सिर्फ नशे का ही नहीं है बल्कि कई तरीके के कई नकली उत्पादों को बना करके भी बेचता है। इसमें सबसे बड़ा कारोबार उसका गुटके और डिटर्जेंट का है। पुलिस के रडार पर फारुख बटाटा के दोनों बेटे शाहदाब और सैफ रहे हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो फारुख बटाटा के बड़े बेटे शाहदाब को अरेस्ट भी कर चुकी है। फारुख का यही बेटा ड्रग्स के कारोबार को पूरे देश और दुनिया में फैलाने में जुटा हुआ है।
पुलिस बटाटा के नेटवर्क को तोड़ने में लगी हुई
सूत्रों के मुताबिक बटाटा ने अपने गैंग में न सिर्फ लड़कियों को शामिल किया है बल्कि ऐसे पढ़े-लिखे युवाओं को भी शामिल किया है जो उसके एक नंबर के दूसरे कारोबार के माध्यम से नशे के कारोबार को छिपाकर आगे बढ़ा सके। पुलिस बटाटा के नेटवर्क को तोड़ने में लगी हुई है। सूत्रों के मुताबिक बटाटा का नेटवर्क सिर्फ इंडिया में ही नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली ड्रग्स की तस्करी में भी उसका बड़ा हाथ है। नाइजीरियन और मोरक्को के बड़े ट्रक पैडलर बटाटा गैंग में शामिल है। अलग-अलग जगहों से उसके लिए ड्रग की तस्करी करते हैं।
बटाटा को बॉलीवुड की मदद मिली
सूत्रों के मुताबिक फारुख बटाटा और उसके बेटों ने मुंबई के सभी बड़े ड्रग पैडलर को अपनी छतरी के नीचे लाने के लिए सभी प्रयास किये। जिसमें बहुत हद तक बटाटा को बॉलीवुड की मदद मिली और वह ड्रग सिंडिकेट को खड़ा करने में कामयाब होने लगा। नारकोटिक्स कंट्रोल गिरोह से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बटाटा अपने गुर्गों के माध्यम से पंजाब और गुजरात राजस्थान के बॉर्डर इलाकों से भी बड़ी खेप देश के अलग-अलग इलाकों तक पहुंचाने में स्थानीय नशे के कारोबारियों की मदद करता है।