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Aspergillosis: ब्लैक, व्हाइट और येलो के बाद देश में एस्परगिलोसिस फंगस की दस्तक, जानिए कितना है खतरनाक

Aspergillosis: देश कोरोना वायरस की दूसरी लहरे से जंग लड़ ही रहा था कि इस बीच ब्लैक, व्हाइट और येलों फंगस ने दस्तक दे दी और देशभर में इसके मरीज सामने आने लगे। इसकी वजह से कई लोगों को जान गंवाना पड़ी और अभी भी कई मरीज इलाज के अभाव में भटक रहे हैं। इस बीच एक और खतरे की आहट सुनाई दी है। इन तीनों फंगस के बाद अब एक नए फंगस एस्परगिलोसिस के मामले सामने आने लगे हैं।

ऐसे मरीजों पर करता है अटैक

कोरोना वायरस से स्वस्थ मरीज अब विभिन्न तरह की फंगस से पीड़ित हो रहे हैं। ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस के बाध एक और फंगस ने दस्तक दे दी है। इस फंगस का नाम एस्परगिलोसिस (Aspergillosis) है और इसके आठ मरीज गुरुवार को गुजरात के वड़ोदरा शहर में पाए गए हैं। पल्मोनरी एस्परगिलोसिस संक्रमण उन लोगों में जायादा पाया जा रहा है, जिनकी रोग प्रतिरोध क्षमता कमजोर होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जो एस्परगिलोसिस कोरोना रोगियों में देखा गया है वह काफी दुर्लभ है। यह ब्लैक फंगल इंफेक्शन से कम खतरनाक है, लेकिन फिर भी इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता है।

कोरोना से मिले हैं लक्षण

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक यह संक्रमण कॉमन मोल्ड इन्फेक्शन है और हवा में रह सकता है। फेफड़ों की बीमारी से पीडि़त लोगों या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका ज्यादा खतरा होता है। इसके साथ ही ऑक्सीजन आपूर्ति को हाइड्रेट करने के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी भी इसकी वजह बन सकता है। एस्परगिलोसिस फंगस का इंफेक्शन होने पर नाक का जुकाम से बंद होना या नाक का बहना, सिरदर्द होना और गंघ महसूस ना होने जैसे लक्षण सामने आते हैं। कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में गुजरात और महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के मामले भी अन्य राज्यों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं।

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