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हार्मोन असंतुलन से रहते हैं परेशान, तो रोजाना करें शीर्षासन

अगर आपको भी बेवजह थकान, प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसा कुछ महसूस हो रहा है तो इसके पीछे एड्रिनल ग्रंथि में विकार जिम्मेदार हो सकते हैं। एड्रिनल ग्रंथि शरीर के लिए कई हार्मोन्स का निर्माण करती है इसलिए इस ग्रंथि का सही तरह से काम करना बहुत जरूरी है। तनाव का प्रभाव हमारी एड्रिनल ग्रंथि की थकान के रूप में सामने आता है। शरीर में हार्मोन्स की कमी से कई बार व्यक्ति का विकास ठीक से नहीं हो पाता है और उसे कई तरह की बीमारियों का खतरा होने का खतरा बना रहता है। इस तरह की परेशानयों को योगासनों की मदद से दूर किया जा सकता है। ऐसा ही एक योगासन है शीर्षासन।  

मिलेंगे ये गजब के फायदे

सिर के बल किए जाना वाला आसन शीर्षासन कहलाता है। मानसिक समस्याओं में तो यह बहुत ही प्रभावशाली है। शीर्षासन करने से एकाग्रता बढ़ती है, साथ ही शरीर का पॉश्चर भी अच्छा बना रहता है। दिल व सांस संबंधी समस्याओं का समाधान भी शीर्षासन से होता है।

शीर्षासन करने का तरीका –

शीर्षासन करने के लिए सबसे पहले एक मैट बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं। इसके बाद आप दोनों कोहनियों को जमीन पर टिकाकर दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिला लें। दोनों हाथों की अंगुलियों को मिलाकर आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए जिससे आप अपने सिर को हथेलियों का सहारा दे सकें। धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हए अपने सिर को हथेलियों पर रखें। ऐसा करते समय अपनी सांस सामान्य रखें और धीरे-धीरे अपने सिर पर शरीर का भार आने दें। इस स्थिति में आकर आपको अपने पैरों को आसमान की ओर उठाना है। ठीक उसी तरह जैसे आप सीधें पैरों के बल खड़े होते हैं वैसे ही आप उल्टा सिर के बल खड़े हैं। कुछ देर इसी स्थिती में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

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