अशोकनगर। अशोकनगर जिले के बहादुरपुर पुलिस थाने में एक अजब लेकिन सुखद वाकया घटित हुआ। यहां जब एक मूक-बधिर जोड़ा पहुंचा और टीआई नरेश रावत को इशारे में समझाया कि हम दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते हैं। और विवाह करना चाहते हैं। युवक-युवती के पहुंचने के कुछ ही देर बाद दोनों के परिजन भी थाने पहुंच गए। जहां टीआई ने उन्हे बताया कि दोनों बालिग हैं एवं आपसी प्रेम के चलते एक-दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। इसके बाद दोनों के परिजन भी इस संबंध पर राजी हो गए और पुलिस थाने में ही मिठाई खिलाकर जोड़े ने एक-दूसरे के साथ सात जनम तक संग निभाने की कसमें खाईं।
दरअसल, हुआ यूं कि जिले के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के अमोंदा गांव निवासी पूर्व सरपंच रामस्वरुप गुर्जर का भाई बदन सिंह जन्म से ही मूक-बधिर है। संपन्न परिवार में जन्म लेने के कारण बदन सिंह की पढ़ाई में कभी उसकी जन्मजात विकलांगता आड़े नहीं आई। वर्ष 1992 में जन्मे बदन सिंह ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से कक्षा 10वीं, 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद कंप्यूटर ऑपरटेर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट में डिप्लोमा किया और स्नातक की पढ़ाई के लिए करीब दो वर्ष पहले राजस्थान के जयपुर शहर में चला गया था। जहां पर राजस्थान सरकार मूक-बधिर छात्रों के लिए एक संस्थान संचालित करती है। यहीं पर बजाज नगर में रहते हुए बदन सिंह की मुलाकात साथ में ही बीए करने वाली मूक-बधिर छात्रा सुमन पुत्री रमेश जाट से हुई। सुमन का जन्म 1994 में हुआ है। वह मूलतः भैरोंगंज जिला टोंक की रहने वाली है। सुमन भी बदन सिंह की तरह पढ़ाई-लिखाई में तेज है और आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है।
रामस्वरुप गुर्जर ने बताया कि दो महीने पहले छुट्टियां होने के कारण बदन सिंह वापिस आ गया था लेकिन वह अपने स्मार्ट फोन पर कई घंटों तक चौटिंग करता था। घरवालों ने इसे सामान्य समझा लेकिन बीते शुक्रवार की रात उनके घर में एक मूक-बधिर युवती आ गई। जिसने इशारों ही इशारों में बदन सिंह से मिलने की इच्छा जाहिर की। परिजनों ने उसे बदन सिंह से मिलाया तो दोनों की आंखों में आंसू छलछला आए। दोनों ने इशारों में बताया कि वह एक-दूसरे से प्रेम करते हैं और विवाह करना चाहते हैं। इसके बाद दोनों के परिजन भी प्रेम के आगे झुक गए, फिर सभी ने मिठाई खाकर इस अनोखे संबंध की खुशियां मनाई।