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Air India: 68 साल बाद एयर इंडिया की हुई घर वापसी, टाटा को सौंपने का हुआ फैसला

Air India: एयर इंडिया के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों पर जल्द विराम लगने जा रहा है। सरकारी कंपनी एयर इंडिया को टाटा खरीदने जा रहा है। Air India के लिए बने पैनल ने टाटा ग्रुप को एयर इंडिया के लिए चुन लिया है।

ब्लूमबर्ग ने किया खुलासा

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की रिपोर्ट के मुताबिक Air India एक बार फिर से TATA के हाथों में चली जाएगी। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप के अलावा स्पाइसजेट ने भी बोली लगाई थी, लेकिन लंबे समय से चल रही इस दावेदारी में टाटा ने बाजी मार ली। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार जल्द Air India को टाटा को सौंपने की घोषणा कर सकती है। इससे पहले 2018 में एयर इंडिया को बेचने की असफल कोशिश के बाद सरकार ने पिछले साल जनवरी में एक बार फिर से इसको बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत एयर इंडिया में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी सहित राज्य के स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत वाली एक्सप्रेस लिमिटेड और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी इक्विटी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी।

38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज

सरकार ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि वित्त वर्ष 2019-20 के आंकड़ों के मुताबिक, एयर इंडिया पर कुल 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज है। इस समय एयर इंडिया की कुल संपत्ति करीब 45,863.27 करोड़ रुपये है। इसमें एयर इंडिया की जमीन, बिल्डिंग्स, एयरक्राफ्ट फ्लीट और इंजन शामिल हैं। सरकार ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि एयर इंडिया के निजीकरण में उसके कर्मचारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

1932 में हुई थी स्थापना

एयर इंडिया की स्थापना 1932 में जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने की थी। उस वक्त इसका नाम टाटा एयरलाइंस था। दूसरे विश्व युद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। इसके बाद जब विमान सेवाएं बहाल हुई तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया। 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली और 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया।

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