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Pitru Paksha 2021: श्राद्धकर्म में इन नियमों का करें पालन, नहीं तो पितृ हो जाएंगे नाराज

Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष पितृों के तर्पण का पक्ष है। इस समय पितृों के लिए किए गए दान, तर्पण, श्राद्ध और पिण्डदान से पितृ तृप्त होते हैं और सुख-समृद्धि के साथ खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। श्राद्धकर्म में कुछ सावधानियां रखना आवश्यक है नहीं तो पितृ नाराज हो जाते हैं। पितृपक्ष में पितृों के लिए तर्पण नहीं करने से उनकी आत्मा भटकती रहती है।

लोहे के बर्तन में भोजन ना बनाएं

श्राद्धकर्म का भोजन लोहे के बर्तनों में नहीं बनाना चाहिए। ना ही लोहे के बर्तनों में भोजन को परोसना चाहिए। मान्यता है कि इससे पितृ नाराज हो जाते हैं और इसका असर परिवार की खुशहाली पर पड़ता है। भोजन पकाने के लिए तांबे, पीतल आदि के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।

खरीदारी ना करें

धर्मशास्त्रों में पितृपक्ष के दौरान शुभ कार्यों का निषेध बतलाया गया है। 16 दिनों के दौरान मांगलिक कार्य करने से उसके शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। ना ही इस दौरान किसी खास वस्तु की खरीदारी करना चाहिए।

शौरकर्म ना करें

पूर्वजों की श्राद्धतिथि के दौरान शरीर पर तेल मालिश या लेपन करने, शौरकर्म करने यानि दाड़ृी- कटिंग बनाने से बचना चाहिए। इस दिन पान का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इत्र का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए।

अपमान ना करें

पितृपक्ष के दौरान आपके द्वार पर आए किसी भी इंसान या जानवर का अपमान न करें। पितृ आपके द्वार किस रूप में आ जाए और यदि आप अपमान करते हैं तो इसका विपरीत प्रभाव आपके जीवन पर होगा। भिक्षाटन आए शख्स को खाली हाथ ना जाने दें उसको भोजन करवाकर यथोचित दक्षिणा दें।

संयमित दिनचर्या का पालन करें

पितृपक्ष में श्राद्धकर्म के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए। भोजन में प्याज-लहसुन का उपयोग नहीं करना चाहिए। संयमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए और ब्रह्मचर्य से रहना चाहिए।

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