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तिहाड़ में बंद मसर्रत आलम भट बना सैयद अली शाह गिलानी का उत्तराधिकारी, जानिए इसके बारे में

श्रीनगर। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद उसके उत्तराधिकारी को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थी। अब आतंकी संगठनों को फंडिंग करने के आरोप में जेल में बंद मसर्रत आलम भट को को कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। इसके साथ ही शब्बीर अहमद शाह और गुलाम अहमद गुलजार को उपाध्यक्ष बनाया गया है।

एनआईए ने की है चार्जशीट दायर

मसर्रत आलम भट का नाम 2010 के कश्मीर आंदोलन के दौरान काफी सुर्खियों में रहा था। 2019 में एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट में भी उसका नाम शामिल है। फिलहाल मसर्रत आलम दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। मसर्रत आलम ने ही एनआईए के सामने यह बात कबूल की थी कि पाकिस्तान स्थित एजेंटों ने हवाला ऑपरेटरों के जरिए जो पैसे भेजे थे वह उसने सैयद अली गिलानी सहित कश्मीर के दूसरे अलगाववादी नेताओं को भेजे थे। एनआईए ने इस मामले में मसर्रत आलम के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।

आंतक फैलाने का है आरोप

एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में जमात-उद-दावा, दुख्तारन-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल और अन्य अलगाववादी समूहों और नेताओं के खिलाफ अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कथित रूप से धन जुटाने, प्राप्त करने और इकट्ठा करने, देश में व्यवधान पैदा करने की साजिश के लिए मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने इसे घाटी और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना माना है। साल 2010 में एक युवक की मौत के बाद विरोध कैलेंडर जारी किया गया था। इस आंदोलन की अगुवाई मसर्रत आलम ने की थी। इसकी जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई थी। उसके बाद इसको श्रीनगर के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था।

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