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30 साल के आकाश अंबानी को JIO की कमान 65 साल के मुकेश का डायरेक्टर पद से इस्तीफा

दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैनों में से एक मुकेश अंबानी अपने साम्राज्य को अगली पीढ़ी को सौंपने के प्लान पर काम कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद भाई अनिल अंबानी से हिस्सेदारी के बंटवारे को लेकर जो विवाद हुआ था, वैसा उनके बच्चों के बीच न हो।

ऐसे में मंगलवार को मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। रिलायंस जियो के बोर्ड ने उनके बेटे आकाश अंबानी की बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। पंकज मोहन पवार कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) का पद संभालेंगे। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 27 जून को हुई थी जिसमें ये फैसले लिए गए हैं। कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर के रूप में रामिंदर सिंह गुजराल और केवी चौधरी की नियुक्ति को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है। ये अपॉइंटमेंट 27 जून 2022 से 5 सालों के लिए है।

जियो का 4जी इको सिस्टम खड़ा करने में आकाश का बड़ा हाथ

रिलायंस जियो में आकाश अंबानी प्रोडक्ट और डिजिटल सर्विसेज के एप्लीकेशन डेवलपमेंट में करीब से जुड़े रहे हैं। जियो के 4जी इको सिस्टम को खड़ा करने का श्रेय काफी हद तक आकाश अंबानी को जाता है। 2020 में दुनिया भर की बड़ी टेक कंपनियों ने जियो में निवेश किया था, वैश्विक निवेश को भारत लाने में भी आकाश ने खूब मेहनत की थी। मार्केट एक्सपर्ट प्रकाश दीवान ने बोर्ड मीटिंग आकाश अंबानी को कमान सौंपे जाने के फैसले को रिलायंस के बिजनेस के लिए बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कंपनी के IPO के प्लान के तहत उठाया गया कदम है।

2016 में जियो लॉन्च हुई थी तो भारत का टेलीकॉम मार्केट कॉम्पिटिशन से भरा था। 8 कंपनियां होने के बावजूद यूजर्स को 1 मिनट कॉल के लिए औसतन 58 पैसे चुकाने पड़ते थे। जियो ने सबसे पहले बाजार में पकड़ बनाने का फैसला किया। अपने शुरुआती दिनों में जियो ने अनलिमिटेड डेटा और हाई क्वालिटी कॉलिंग की सर्विस बेहद कम कीमत में दी। इस स्ट्रैटजी ने दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी अपना बिजनेस मॉडल बदलने पर मजबूर कर दिया। इसमें एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन शामिल थे।

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