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इंदौर में कोरोना थमा तो बेकाबू हुआ डेंगू, 21 नए मरीज मिले

इंदौर। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 21 नए मरीज मिले हैं। इनके समेत इंदौर में मरीजों की संख्या एक हजार हो गई है। इनमें से एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है, जबकि 15 मरीज एडमिट हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि बीते सालों में यह अब तक के सबसे ज्यादा मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि घर, परिसर व आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें। जिन क्षेत्रों में नए मरीज मिले हैं, उनमें सुखदेव नगर, रुक्मणि नगर, बख्तावरराम नगर, मनीष पुरी, अटल विहारी वाजपेयी नगर, माणिक बाग, विजय नगर, वायएन रोड, सिलिकॉन सिटी, शीतल नगर, विलेज निगोटी, श्रीनगर, संविद नगर, शिव शक्ति नगर, गोविंद नगर, भंवरकुआं व मयूर नगर हैं। वैसे बीते सालों की तुलना में इस बार यह संख्या पिछले साल की तुलना में 10 गुना ज्यादा है।

ठंड बढ़ने से बढ़ेगा प्रभाव

जिन नए क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिले हैं, उन स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीमों ने लार्वा सैंपल लेने के साथ छिड़काव किया है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण घरों में या आसपास एक ही स्थान पर कई दिनों से पानी जमा हो सकता है। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है, जो डेंगू का कारक बनता हैं। वैसे, बारिश में डेंगू के मरीज ज्यादा बढ़ते हैं। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, तो इसका प्रभाव बढ़ेगा। मच्छरों की सक्रियता एकदम कम होगी, जिससे डेंगू मरीजों की संख्या कम हो सकती है।

ये भी हैं मरीजों के बढ़ने के कारण

  • इस बार बारिश अक्टूबर के पहले हफ्ते तक जारी रही, जिससे कई जगह पानी जमा रहा।
  • बारिश ज्यादा दिनों तक होने से मच्छरों की संख्या भी तेजी से बढ़ी।
  • डेंगू की अटैक कैपेसिटी पहले की तुलना में तेज है।
  • बदलते मौसम का भी प्रभाव है।
  • कई बार लोगों द्वारा अनदेखी की जाती है। इसमें घरों की छतों, सिंक, वॉश एरिया, गमलों व छतों पर पानी भरा होने व गंदगी होने पर ध्यान नहीं दिया गया।

यह जरूर ध्यान रखें

लोगों से अपील की गई है कि वे पानी जमा नहीं होने दें। एडिज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। ये मच्छर दिन में ही काटते हैं। कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन आदि लक्षण दिखते हैं। ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है्र जिसमें बीमारी की पुष्टि होती है।

बचाव के तरीके
मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, क्रीम, कॉइल और स्प्रे का इस्तेमाल करें।
खिड़की और दरवाजों को सुरक्षित करें या यदि आवश्यक हो, तो मच्छरदानी का उपयोग करें।

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