भोपाल। भोपाल में 20 फीट गहरे सीवेज टैंक में इंजीनियर सहित दो लोगों की मौत हो गई। बताया जाता है कि बंद पड़े सीवेज की जांच करने नीचे उतरे थे। दोनों के जूते सीवेज टैंक के बाहर पड़े थे। उन्हें देखकर आशंका हुई और पुलिस को सूचना दी गई। रस्सी से बांधकर लाशों को बाहर निकाला गया। मामला भोपाल नगर निगम के जोन क्रमांक 1 के लाऊखेड़ी क्षेत्र का है। सीवेज का काम गुजरात की अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। सीवेज लाइन बंद है। इसके बाद भी बारिश और आसपास के घरों से निकलने वाला पानी उसमें भर गया है। कंपनी के इंजीनियर दीपक सिंह और एक अन्य मजदूर जांच के लिए उतरे थे। दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।
दम घुटने से हुई मौत
प्राथमिक सूचनाओं के अनुसार दोनों की मौत दम घुटने की वजह से हुई। हो सकता है कि उन्होंने बंद सीवेज की हालत देखने नीचे उतरे हो और जहरीली हवा का शिकार हो गए हो। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने पर ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। सीवेज लाइन कंपनी बना रही है और उसने अभी इसे नगर निगम को नहीं सौंपा है। 10 साल तक लाइन का रखरखाव कंपनी के पास ही रहेगा।
सुरक्षा के साधनों के बिना उतारे गए
घटना को लेकर लोगों ने इसमें कर्मचारियों को बिना सुरक्षा साधनों के 20 फीट गहरी सीवेज लाइन में उतारे जाने के आरोप लग रहे हैं। सीवेज लाइन की गहराई के कारण व्यक्ति के सुरक्षित रहने लायक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचने की जगह भी नहीं थी। घटना के बाद नगर निगम के अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।