प्रशांत शर्मा/भोपाल – मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश रहे कैलाश जोशी के बेटे का अपनी ही पार्टी से मोहभंग हो चुका है। बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस का दामन साथ रहे हैं।दरअसल दीपक अपनी ही पार्टी के खिलाफ पहले से ही नाराज चल रहे हैं।जोशी ने साफ कर दिया है कि वह भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं।बताया जा रहा है कि आने वाली 6 मई को वह अनौपचारिक रूप से कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। गौरतलब है कि दीपक जोशी तीन बार मंत्री और विधायक रह चुके है।
दीपक जोशी पहले से दे रहे थे संकेत -दीपक जोशी का वह पोस्ट सबसे ज्यादा सुर्खियों में आया था जब उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायकों को लेकर कहा था। कि छल कपट और पाप का फल धरती पर ही भुगतना होता है। याद रखना समय किसी को माफ नहीं करता है। गौरतलब है कि 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान हाटपिपलिया से दीपक जोशी को हार का सामना करना पड़ा था।वही दीपक जोशी ने बागली और हाटपिपलिया के विधायक की विकास यात्रा का भी खुलकर विरोध किया था। इतना ही नहीं दीपक समर्थकों ने वापस जाओ के नारे भी लगाए।
दीपक जोशी के पिता कैलाश जोशी एक बड़े राजनेता थे। उन्होंने मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद को भी संभाला। भोपाल लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद भी बने। लेकिन बीमारी के चलते 91 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। कैलाश जोशी के बारे में बताया जाता है कि वह जनसघ के नेता थे।मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में उनका बड़ा योगदान था। उनका एक किस्सा काफी सुर्खियों में रहता है। जब वह मुख्यमंत्री बने। 1977 में देश में इमरजेंसी लगी। इमरजेंसी के बाद देश के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बने। उन्होंने प्रदेश की सभी कांग्रेसी सरकारों को बर्खास्त कर दिया। उसके बाद मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव हुआ। चुनाव के बाद कैलाश जोशी ने मुख्यमंत्री की पद की शपथ ली।