सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार : डर पैदा न करे ईडी - Mradubhashi - MP News, MP News in Hindi, Top News, Latest News, Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest News in Hindi
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सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार : डर पैदा न करे ईडी

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार : डर पैदा न करे ईडी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय पर कड़ी टिप्पणी की। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक निर्देश दिया कि ईडी राज्य में डर का माहौल न बनाए। ईडी को सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश ऐसे समय में मिला है, जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार ईडी पर परेशान करने, धमकाने और उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं।

न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति ए अमानुल्ला की पीठ ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी है कि उन्हें मानसिक, शारीरिक यातना दे कर ईडी परेशान कर रही है। उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रही है और मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है।

जोर जबरदस्ती से कुछ न किया जाए

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देशित कर दिया है कि भय का माहौल न बनाए। कोर्ट ने ईडी से कहा कि आप डरा-डराकर बयान ले रहे हो, यह प्रजातंत्र की न्याय प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता। यह तो हम 500 साल पीछे जा रहे हैं, जब भी फ्यूडल सिस्टम होता था, तब हम सुनते थे कि कोड़े बरसते थे, जोर जबरदस्ती की जाती थी। हमारे देश में प्रजातंत्र है। प्रजातंत्र में जोर जबरदस्ती से कुछ नहीं किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार : डर पैदा न करे ईडी
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार : डर पैदा न करे ईडी

कोर्ट को यह बताया सिब्बल ने:

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि ईडी बुरा बर्ताव कर रही है। वे आबकारी अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं। यह हैरान करने वाली स्थिति है। अब चुनाव आ रहे हैं और इसलिए यह हो रहा है।

जायज वजह भी संदिग्ध हो जाती है:

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आरोपों का विरोध किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जांच एजेंसी छत्तीसगढ़ में एक घोटाले की जांच कर रही है। इस पर पीठ ने कहा कि जब आप इस तरीके से बर्ताव करते हैं, तो एक जायज वजह भी संदिग्ध हो जाती है। डर का माहौल पैदा न करें।

3 साल में 2000 करोड़ का चूना:

छत्तीसगढ़ में 6 मई को शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ्तारी करने के बाद ईडी ने कोर्ट में रिमांड पेपर में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ की सरकारी 800 दुकानों में 30 से 40 प्रतिशत अवैध देसी शराब बेची गई, यह एक सिंडिकेट था जिसे कारोबारी अनवर ढेबर और आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा जैसे लोग चलाते थे। इस सिंडिकेट ने 3 साल में राज्य को 2000 करोड़ रुपए का चूना लगाया। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दो लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें से एक को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने पीएमएलए को दी है चुनौती:

पिछले महीने छत्तीसगढ़ सरकार ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उसने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल गैर-भाजपा सरकार को डराने, परेशान करने तथा सामान्य कामकाज को बाधित करने के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही, छत्तीसगढ़ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को अदालत में चुनौती देने वाला पहला राज्य बन गया था।

अनुच्छेद 131 के तहत चुनौती:

सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत अधिनियम को चुनौती देते हुए मूल वाद दायर किया है। यह अनुच्छेद किसी राज्य को केंद्र या किसी अन्य राज्य के साथ विवाद की स्थिति में सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का अधिकार देता है।

आरोपी को नहीं मिली राहत:

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला व मनी लाड्रिंग केस में ईडी की गिरफ्त में आए होटल कारोबारी अनवर ढेबर को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी।

सुप्रीम कोर्ट में अनवर ढेबर की याचिका पर 29 मई को सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने अनवर ढेबर 19 मई तक ईडी की रिमांड पर भेजा है। बता दें कि ईडी ने सोमवार को दावा किया है कि अनवर ढेबर के पास से नया रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली है। इसकी कीमत 21 करोड़ रुपये आंकी है। इसी के साथ ही ईडी ने आबकारी विभाग के अधिकारी अरूणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को भी गिरफ्तार किया है। ये भी 19 मई तक ईडी की रमांड पर रहेंगे।