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दिल पर पत्थर और वाहन में रखे शव, परिवार को छोड़ कई रातें बिताई अस्पताल में

कोरोना योध्दा

अशोकनगर. कोरोना काल की विकट परिस्थतियों में कोरोना योध्दाओं ने अमूल्य योगदान देकर मानवता की मिसालें कायम की हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी योध्दा हैं जिनके अमूल्य योगदान की चर्चाएं काफी कम होती हुई नजर आती हैं। ऐसे ही दो कोरोना वारियर्स हैं अशोकनगर के नगर पालिका के कर्मचारी नरेश वाल्मीक और जयप्रकाश कुशवाह। ये दोनों नगरपालिका का शव वाहन चलाते हैं।

नगर पालिका के कर्मचारी नरेश वाल्मीक और जयप्रकाश कुशवाह के सामने कुछ स्थितियां तो ऐसी भी बनी कि एक ही समय में अस्पताल से दो से भी अधिक बॉडी ले जाना होती थी, ऐसे में यह समझ नहीं आता कि पहले किसे ले जाएं। जयप्रकाश ने बताया कि इस दौरान हम अस्पताल में सोते थे। परिवार की याद आती थी पर यह सोचकर यही रह जाते थे कि इस समय हमारी यहां ज्यादा जरूरत है। जब कोरोना का जोर कम पड़ा तभी घर गए। दोनों कर्मचारियों का कहना है कि हमने कोरोना की भयावहता का मंजर आंखों से देखा है इसलिए हम तो सभी से कहते हैं कि मास्क जरूर लगाएं और अच्छी तरह से हाथ धोते रहें।