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ब्लैकमेलिंग पर शिवराज सख्त : सीएम हेल्प लाइन का हो रहा दुरुपयोग

ब्लैकमेलिंग पर शिवराज सख्त : सीएम हेल्प लाइन का हो रहा दुरुपयोग

भोपाल के प्रशासन अकादमी में आयोजित सिविल सेवा दिवस समारोह 2023 कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में अब सुधार की जरूरत है। कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। कई बार लोग परेशान करने के लिए जनप्रतिनिधियों और सरपंच की शिकायत करवा देते हैं कि जांच हो जाए। फंसेगा तो फिर उसे ब्लैकमेल करो। शिकायत बंद कराने के लिए ब्लैकमेल करने के लफड़े शुरू हो गए। हम टेक्नोलॉजी से दूर नहीं रह सकते, लेकिन विश्लेषण कर लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि हम चुनौती स्वीकार करें। लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। गांव में और शहर के वार्डों में शिविर लगेगा। हमने सीएम हेल्पलाइन प्रारंभ की। जो बहुत लोकप्रिय हुईं, गुड गवर्नेंस की अनेकों कोशिशें कीं, जिनमें समाधान ऑफलाइन , जनसुनवाई, वनडे गवर्नेंस भी रहे। सीएम हेल्पलाइन के भी दुरुपयोग शुरू हो गए हैं। इस वजह से समय-समय पर विश्लेषण कर विसंगति दूर करनी होगी।

अपने आपको आज की टेक्नोलॉजी के साथ जोड़कर विसंगतियों को कैसे दूर कर सकते हैं, इस पर विचार करना होगा। सीएम ने अफसरों को नसीहत देते हुए कहा कि मैं आईएएस-आईपीएस हूं, 2 मिनट में सही कर दूंगा, इस अहंकार से दूर रहना चाहिए। हम जनता के सेवक हैं। मुख्यमंत्री है तो जनता की सेवा के लिए हैं। हम सबको अहंकार शून्य होना चाहिए।

जनता और प्रशासन के बीच की दूरी खत्म की
सीएम ने कहा कि कलेक्टर साहब तो लाटसाब हैं, कैसे मिलें। ये हमने मध्यप्रदेश में खत्म कर दिया। हमारे यहां लोग बेहिचक कलेक्टर-एसपी से मिलते हैं। मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी उपलब्धि है कि हमने जनता और प्रशासन के बीच की दूरी खत्म कर दी। कई राज्यों में तो कलेक्टर से मिलना बड़ी बात होती है।

मप्र को समृद्ध बनाने में अफसरों का महत्वपूर्ण योगदान
टीम को बधाई देना चाहता हूं। हमने मध्यप्रदेश को विकसित और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कई बार सोचता हूं तो यहां केवल 71 हजार किमी टूटी सड़कें हुआ करती थीं। आज मध्यप्रदेश का बजट 3 लाख 14 हजार करोड़ पहुंच गया है। हमारे पास संसाधन और रिसोर्स हैं। मप्र कभी बीमारू राज्य कहलाता था।

नए अफसरों में रहता है उत्साह
पिछले दिनों बुरहानपुर में परिस्थिति बनी थी, वहां के प्रशासन ने बड़ी समस्या को ढंग से निपटा दिया। कई बार हम अच्छा काम करते हैं, लेकिन राजनीतिक नजर, मीडिया की दृष्टि अलग होती है। नए अफसर शुरूआत में बहुत उत्साह से काम करते हैं, बाद में ढीले पड़ जाते हैं। उत्साह की आग जलती रहना चाहिए।

कई अफसर दिन-रात परिश्रम करते हैं
शिवराज ने कहा कि हमारे कई अधिकारी मित्र दिन-रात परिश्रम करते हैं मैं खुद साक्षी हूं। कई वर्षों से काम करते हुए देखा है। उन्हें देखकर गर्व होता है। अफसरों में अनेक ऐसे हैं जो दिन और रात जिद, जुनून और जज्बे के साथ काम करते हैं। अपने आप को पूरी तरह झोंक देते हैं। सरकार ने कोई रीति-नीति बनाई तो उसका स्वरूप निर्धारण करना और नीचे जमीन पर उतार देना। और एक है जो तत्काल परिणाम देने पर विश्वास करते हैं।

हमारा काम ही समाज की सेवा है
शिवराज ने यह भी कहा कि सिविल सर्विस डे का अर्थ ही यह है कि हम लोग हैं जनता की सेवा के लिए। हम लोक सेवक हैं। हमारा मूल काम ही देश की सेवा और समाज की सेवा है। लोकतंत्र में हम सब जानते हैं कि जनता का, जनता के लिए जनता के द्वारा शासन है। यानी जो कुछ है जनता के लिए ही है। हम समृद्धि की बात करें। विकास की बात करें। इंफ्रा की बात करें। सुरक्षा की बात करें। अंतत: सब लोगों के लिए है, जनता के लिए है।

अफसरों को नसीहत- अहंकार न करें
शिवराज ने अफसरों को सलाह दी कि अहंकार न करें कि हम तो आईपीएस हैं, आईएएस हैं, हम जनता के सेवक हैं। हमें अहंकार में नहीं रहना चाहिए। यह दिमाग में रहना चाहिए कि हम जनता की बेहतरी के लिए हैं। हमें हमेशा ये ऐहसास रहना चाहिए कि हम लोगों के लिए हैं। कई चुनौतियां आती हैं। उन परिस्थितियों का मुकाबला करना पड़ता है। धैर्य नहीं खोना है। आप टीम के लीडर हैं। हमारा उत्साह अगर कम हुआ तो हम कहीं काम नहीं कर पाएंगे और नुकसान देश व प्रदेश का होगा। आज प्रदेश को अगर यहां लाकर खड़ा किया है तो हमने किया है।

उद्योगपति सबसे ज्यादा दीन-हीन
मैं 64 साल का हो गया हूं और कितना जीऊंगा 10, 12, 15 साल। दौलत कभी सुख नहीं देती। हमारे आदिवासी भाइयों को कल की चिंता नहीं रहती। वे हर दिन त्योहार मनाते हैं। वहीं, बडे़ उद्योगपति मेरे पास आते हैं। कहते हैं- सर ये छूट दे दीजिए। पहले मुझसे मिलेंगे, फिर अफसर से जाकर मिलते हैं। सबसे ज्यादा दीन-हीन यही लगते हैं।

उधर पीएम की नसीहत ,अफसर रखे नजर, सत्ताधारी दल पैसे का न कर पाएं दुरुपयोग
पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा दिवस के मौके पर देश के शीर्ष अफसरों को संबोधित करते हुए यग बात कही। उन्होंने कहा कि अफसर हर फैसले से पहले इन सवालों के बारे में जरूर सोचें कि सत्ता में बैठी राजनीतिक पार्टियां सरकारी धन का इस्तेमाल देश के विकास में कर रही हैं या अपने दल के विस्तार में या फिर वोट बैंक बनाने के प्रयास में वह उसे लुटा रही हैं। पीएम ने उनसे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को विस्तार देने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो देश का धन लुट जाएगा।

उन्होंने कहा कि अफसर निगरानी नहीं रखें तो टैक्सपेयर्स के पैसे बर्बाद हो जाएंगे और युवाओं के सपने चकनाचूर होंगे। प्रधानमंत्री ने लोक प्रशासन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कामकाज के लिए प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्रदान किए। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हर दल की अपनी विचारधारा होती है और संविधान ने हर दल को यह अधिकार भी दिया है।

लेकिन एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ सवालों का अवश्य ही ध्यान रखना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है, क्या वह करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल अपने दल के हित के लिए कर रहा है या देश के हित के लिए कर रहा है? उसका उपयोग कहां हो रहा है? यह आप लोगों को देखना ही होगा।

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