दिग्विजय सिंह ने सिंधिया को एक बार फिर गद्दार बताने के मामले ने तूल पकड़ लिया है दरअसल दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो। उन्होंने यह भी कहा कि जब कमलनाथ सरकार को गिराया गया उस समय राजा महाराजा बीजेपी के हाथों गिर गए।इस बयान पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा कि हे प्रभु महाकाल कृपया दिग्विजय सिंह जैसे देश विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाधार भारत में पैदा ना हो।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का सपोर्ट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि“दिग्विजय सिंह जी , सिंधिया जी और जो कांग्रेस छोड़कर साथी भाजपा में आये है , उन्हें गद्दार बता रहे है लेकिन वह याद रखें कि वह गद्दार नहीं ,खुद्दार हैं।आखिर वो कांग्रेस में कितना अपमान सहते।चुनाव लड़ा सिंधिया जी के नाम पर और मुख्यमंत्री बना दिया बुजुर्ग कमलनाथ जी को। सरकार भी कमलनाथ नहीं पीछे से दिग्विजय सिंह चला रहे थे।
शिवराज चौहान ने कहा कि कमलनाथ तो नाममात्र के चेहरे थे।बार-बार सिंधिया जी और उनके साथी जनसमस्याओं की तरफ ध्यान दिला रहे थे।कमलनाथ का अहंकार इतना बड़ा था कि जब सिंधिया जी ने कहा कि हम सड़कों पर उतरेंगे तो कहा उतर जाओ।घमंड इतना कि कहते हैं कि मैं गाड़ी में बैठा कर दूसरी पार्टी में छोड़ आऊंगा।
कोई भी खुद्दार यह कैसे बर्दाश्त करता।और एक बात मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि अगर वह गलत लोग होते तो जनता उनको हजारों वोटों से कैसे जीताती…? शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर कई सवाल खड़े किए। और कहां की जो कांग्रेस में रहकर हज़ार-दो हज़ार वोटों से जीते थे,वह भाजपा में आकर 50-60 हजार वोटों से चुनाव जीते।
उन्होंने इस्तीफा दिया,चुनाव लड़ा और शान से जीत कर आए और लेकिन कांग्रेस में तो छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी हुई है।हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है।कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी इस होड़ में शामिल है। शिवराज ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा की कांग्रेस का क्या होगा भगवान मालिक है।