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वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी का निधन, 2009 में पद्मश्री से किया गया था सम्मानित

वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी का निधन, 2009 में पद्मश्री से किया गया था सम्मानित

इंदौर। शहर के वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी का आज गुरुवार सुबह निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे पंचकुइया मुक्तिधाम में किया जाएगा. उनके निधन का समाचार मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अभय छजलानी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. आपका अवसान पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, पत्रकारिता जगत की विशिष्ट पहचान पद्मश्री अभय छजलानी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। हिंदी पत्रकारिता के आधार स्तंभ छजलानी जी हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।

2009 में पद्मश्री से किया गया सम्मानित

4 अगस्त 1934 को इंदौर में जन्मे छजलानी ने 1955 में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। भारत सरकार ने उन्हें पत्रकारिता में योगदान के लिए 2009 में पद्म श्री के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। छजलानी भारतीय भाषाई समाचार पत्रों के शीर्ष संगठन इलना के तीन बार अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1988, 1989 और 1994 में संगठन के अध्यक्ष रहे। वे इंडियन न्यूज पेपर सोसाइटी (आईएनएस) के 2000 में उपाध्यक्ष और 2002 में अध्यक्ष रहे। 2004 में भारतीय प्रेस परिषद के लिए मनोनीत किए गए, जिसका कार्यकाल 3 वर्ष रहा। उन्हें 1986 का पहला श्रीकांत वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

1998 में राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से हुए थे सम्मानित

वर्ष 1965 में उन्होंने पत्रकारिता के विश्व प्रमुख संस्थान थॉम्सन फाउंडेशन, कार्डिफ (यूके) से स्नातक की उपाधि ली। हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र से इस प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाले वे पहले पत्रकार थे। अभय छजलानी ने शहर के कई प्रमुख मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था। इसके साथ ही वह खेलों से भी जुड़े रहे। लंबे समय तक वह मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संगठन के अध्यक्ष रहे और फिर आजीवन अध्यक्ष पद पर रहे। छजलानी को इंदौर में इंडोर स्टेडियम अभय प्रशाल स्थापित करने के लिए भोपाल के माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान ने सम्मानित किया था। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए ऑल इंडिया अचिवर्स कॉन्फ्रेंस ने दिल्ली में 1998 में राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार दिया गया।

वे पत्रकारिता के सिरमौर थे। उनका सरल, सौम्य स्वभाव बहुत प्रभावी था। विकास के मामले में इंदौर कहां पहुंचे इसके लिए उनकी कोई लिमिट नहीं थी। इसमें उनका बहुत बड़ा योगदान रहा। शासन स्तर पर उनका प्रभाव था और इसका असर गजट के रूप में दिखता था। वे हमेशा सत्य के साथ चले और कोई समझौता नहीं किया। उनमें इतना माद्दा था कि जनप्रतिनिधि उनकी सभी बात मानते थे। सच कहूं तो इंदौर में नर्मदा लाने वालों में भले ही नेताओं के नाम आते हो लेकिन असल में वे इसके असल प्रणेता थे। नर्मदा के लिए उन्होंने शासन स्तर पर कई पत्र लिखे और अखबार के जरिए शासन को जागरूक किया। अन्यथा 1964-65 में इंदौर खाली था।

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