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PM मोदी की सुरक्षा में चूक, रैली होने से ज्यादा कैंसिल होने का मिल सकता है फायदा

नई दिल्ली। पंजाब में चुनाव दहलीज पर खड़े हुए हैं। कांग्रेस की हालत खस्ता है और देश के सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी के हालत भी पंजाब में कुछ खास अच्छे नहीं है, लेकिन बुधवार को पीएम मोदी की रक्षा में भारी चूक की घटना ने पंजाब में भाजपा के संजीवनी बूटी जैसा असर किया है। बहुत ज्यादा नहीं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कुछ फायदा जरूर भाजपा को पंजाब में मिलेगा। यानी पीएम मोदी की रैली से ज्यादा फायदा उसके कैंसिल होने का मिलता दिख रहा है।

कांग्रेस के खिलाफ खड़ा हुआ विपक्ष

पीएम मोदी की फिरोजपुर रैली रद्द होने के बाद भाजपा ने अपनी पूरी फौज कांग्रेस और चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार के खिलाफ उतार दी। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है। इस मुद्दे पर भाजपा के साथ उसके सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह खड़े हुए हैं तो उसको अपने पुराने सहयोगी अकाली दल का भी साथ मिला है। आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले में साथ दिया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने भी पार्टी से अलहदा बयान देते हुए कहा कि जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाब और पंजाबियत के खिलाफ है।

सुरक्षा में चूक पर मचा बवाल

पंजाब में यदि भाजपा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को बड़ा मुद्दा बनाती है, तो कांग्रेस की मुश्किल बढ़ सकती हैं। पंजाब में 38 फीसदी हिंदू मतदाता है, जिनके ऊपर पीएम मोदी की अपील और इस व्यवहार का गहरा असर हो सकता है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

प्रदर्शनकारियों ने रोका रास्ता

गौरतलब है कल बुधवार को पीएम मोदी भटिंडा पहुंचे थे, वहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए रवाना होना था। बारिश और खराब विजिबिलिटी की वजह से उनके काफिले ने 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया और उसके बाद सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करने का निश्चय किया। 2 घंटे के इस सफर के लिए पंजाब पुलिस के महानिदेशक की ओर से आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े। लेकिन हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। इस वजह से प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। इसके बाद उनका काफिला भटिंडा हवाईअड्डे पर वापस लौट गया।

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