कोहिमा। भारत के उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड में उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 13 गांववालों की मौत हो गई। घटना में असम राइफल्स का एक जवान भी शहीद हुआ है। यह घटना मोन जिले के तिरू गांव में तब हुई जब सुरक्षा बलों ने इन लोगों को उग्रवादी संगठन एनएससीएन के उग्रवादी समझ लिया। गोलीबारी की घटना के बाद स्थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए और प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना है कि ये युवा निर्दोष थे। वे पास की कोयला खदान से मजदूरी कर घर वापस आ रहे थे।
वहीं सुरक्षाकर्मयों की तरफ से कहा गया है कि सिक्योरिटी फोर्सेस को इनपुट मिला था कि उस जगह पर उग्रवादी संगठन के लोग होंगे और वे किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसीलिए इस आॅपरेशन का प्लान किया गया। इनपुट में जिस रंग की गाड़ी के बारे में बताया गया था उसी रंग की गाड़ी वहां से गुजरी।
सिक्योरिटी फोर्स के लोगों ने उस गाड़ी को रोका, लेकिन वह नहीं रुकी। इसके बाद फोर्स ने फायरिंग कर दी। बाद में जाकर देखा तो पता चला कि वे सिविलियंस हैं। इसी बीच गांव वाले उस जगह पर आ गए और सिक्योरिटी फोर्स के लोगों से हथियार छीनने लगे और गाड़ी में भी आग लगा दी। उन्होंने सुरक्षा बलों को घेर लिया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि भीड़ पर आत्मरक्षा के लिए की गई राउंड की गोलीबारी में पांच ग्रामीणों की मौत हो गई और छह घायल हो गए।
इलाके में फैली हिंसा
बताया जा रहा है कि सभी पीड़ित मजदूर थे, जो काम के बाद एक पिकअप में सवार होकर अपने घर जा रहे थे। देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया और तब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली। इससे ग्रामीण आक्रोषित हो गए और इलाके में हिंसा फैल गई। सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई। गुस्साए ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों की गाड़ियों को आग लगा दी। गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने में जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
फेस्टिवल से पहले हुई घटना
मोन क्षेत्र नागा समूह एनएससीएन (के) और यहां तक कि उल्फा का गढ़ है और यह घटना राज्य के हॉर्नबिल फेस्टिवल से पहले हुई है, जिसमें कई राजनयिक शामिल होंगे जो पहले से ही इस क्षेत्र में हैं। घटना में मरने वाले ग्रामीण कोन्याक समुदाय से थे। उनके परिवारों ने कहा कि उन्होंने हॉर्नबिल महोत्सव में किसी भी तरह की भागीदारी से दूर रहने का फैसला किया है। छह अन्य आदिवासी समूहों ने भी कहा कि वे उत्सव में भाग नहीं लेंगे।
सीएम ने की निंदा
इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील की है। सूत्रों के अनुसार नागलैंड के मुख्यमंत्री दिल्ली में थे। घटना के बाद वे वापस आ गए हैं।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई
असम राइफल्स की ओर से घटना पर बयान जारी किया गया है और कहा गया है कि मौतों के कारण की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई गई है। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
इंटरनेट बंद
अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए मोन जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
एसआईटी करेगी जांच
नागालैंड के ओटिंग, मोन में दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दुखी हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई। राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की पूरी जांच करेगी। ताकि शोकाकुल परिवारों को न्याय मिल सके।
-अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री