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कर्ज लेने की मिली सजा, 17 सालों से हिंसक जानवरों के बीच जंगलों में रह रहा है यह शख्स

बैंगलुरु। सामान्य जिंदगी जी रहे एक शख्स को कर्ज लेना इतना महंगा पड़ा कि उसके जिंदगी के अनमोल 17 साल जंगलों में रहकर गुजारना पड़े। इस दौरान उनको खाने-पीने और रोजमर्रा के साजो-सामान के लिए बेहद मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा।

जमीन हो गई नीलाम

न्यूज़ 18 के अनुसार, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में पड़ने वाले गाँव अड़ताले के रहने वाले चंद्रशेखर कभी सामान्य जीवन जी कर अपनी जिंदगी को तयशुदा रफ्तार से चला रहे थे, लेकिन उनकी जिंदगी में आए एक भूचाल ने उनके जीवन को हमेशा-हमेशा के लिए बदल दिया और वो जंगलों में रहने के लिए मजबूर हो गए। दरअसल के चंद्रशेखर ने सन 2003 में 39 साल की उम्र में को-ऑपरेटिव बैंक से 40 हजार रूपये का कर्ज लिया था। उनके पास महज दो एकड़ जमीन थी और वह इससे कर्ज नहीं चुका पाए। लिहाजा बैंक ने उनकी जमीन नीलाम कर दी।

कार लेकर जंगल में चले गए चंद्रशेखर

जमीन गँवाने के बाद चंद्रशेखर अपनी ऐम्बेसडर कार लेकर अपनी बहन के घर रहने के लिए चले गए, लेकिन बहन से विवाद होने पर वह घर छोड़कर जंगल में रहने के लिए चले गए। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में पड़ने वाले गाँव अड़ताले और नक्कारे के नजदीक सुल्लिअ तालुक क्षेत्र में आने वाले घने जंगलों में लगभग 4 किलोमीटर अंदर उन्होंने प्लास्टिक शीट और बांस के खूंटों से एक झोपड़ी बना ली और उसमें रहने लगे। झोपड़ी के पास खटारा अम्बेस्डर कार और कार के ऊपर एक पुराना रेडियो रखा है, जो जंगल के सन्नाटे को मधुर संगीत से चीरता रहता है। बस यही दौलत है चंद्रशेखर के पास।

जमीन मिलने की है उम्मीद

चंद्रशेखर अब लगभग 56 वर्ष के हो चुके हैं और आजीविका चलाने के लिए जंगल के पेड़ों की सूखी पत्तियों से टोकरी बनाकर उसे बेचते हैं। इससे जो पैसे मिलते हैं, उससे वो राशन आदि खरीद कर जंगल में खाना बनाते हैं। जंगल जंगली जानवरों से भरा हुआ है और कई बार हिंसक जानवर उनकी झोपड़ी पर हमला कर चुके हैं। तेंदुए जैसे जानवर उनकी झोपड़ी के आसपास घूमते रहते हैं, लेकिन इनके बीच रहना उनकी मजबूरी है उनको अभी भी आशा है बैंक द्वारा नीलाम की गई उनकी जमीन उनको वापस मिल जाएगी। कई बार उनको भूखे भी रहना पड़ता है।

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