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पुलिस कर्मचारियों के हक पर ASI ने डाला डाका, 42 लाख की धोखाधड़ी

पुलिस कर्मचारियों के हक पर ASI ने डाला डाका, 42 लाख की धोखाधड़ी

34 वी बटालियन के वेतन शाखा में पदस्थ ASI दिग्विजय सिंह चौहान का कारनामा

आशीष यादव/धार – धार की 34वीं बटालियन में पदस्थ एक कर्मचारी ने विभाग से ही लाखों रुपए की धोखाधड़ी की हैं, आरोपी ASI दिग्विजय सिंह चौहान बटालियन में पदस्थ होकर वेतन शाखा में विभागीय कामकाज देखता था।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी ने 42 लाख रुपए विभाग के खातों से स्वयं व परिवार के लोगों के खातों में ट्रांसफर कर लिया, जिनका उपयोग स्वयं के शौक पूरा करने में किया है।

इस बात की जानकारी सबसे पहले संबंधित विभाग को लगी, भोपाल स्तर पर हलचल शुरु हुई। जिसमें विभागीय जांच में रुपयों की धोखाधड़ी की बात स्पष्ट हुई व भोपाल से ही मामले में प्रकरण दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद ही धार में पुलिस ने आरोपी दिग्विजय सिंह चौहान के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। हालांकि विभाग का ही मामला होने के कारण सीधे तौरपर कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ बताने को तैयार नहीं हैं, इधर धार में प्रकरण दर्ज होने के बाद आगे की वैधानिक कार्यवाही अब पुलिस ने शुरु कर दी है।

34 बटालियन में पदस्थ दिग्विजय सिंह चौहान का कारनामा:
दरअसल शहर के मांडू रोड पर 34वीं बटालियन का कार्यालय बना हुआ हैं, यहां पर ही वेतन शाखा में लिपिक के पदस्थ दिग्विजय सिंह चौहान था। जहां पर वेतन शाखा में विभागीय काम देखने के दौरान ही गडबडी आरोपी ने शुरु की। इसके लिए आरोपी ने पूर्व में पदस्थ, मृत कर्मचारी, सेवा से बर्खास्त , सेवा से त्यागपत्र देने वाले कर्मचारियों के नाम का उपयोग करके इतनी बडी राशि की धोखाधड़ी की है इस मामले में बटालियन में पदस्थ उप सेनानी की और से कोतवाली थाने पर कल एक आवेदन सौंपा था, जिसमें जिला कोषालय धार की और से प्राप्त राशि को लेकर पत्र भी सौंपा है। धोखाधडी की जानकारी सामने आने के बाद धार पुलिस भी हरकत में आ चुकी हैं, क्योंकि कर्मचारियों की राशि का उपयोग आरोपी ने किया। हालांकि आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा। आरोपी ने करीब 42 लाख 85 हजार 167 रुपए की धोखाधड़ी विभाग से की है।

कर्मचारियों के यूनिक आईडी का किया उपयोग:
पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभागीय जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी धोखाधडी करने के लिए डीडीओ लॉगिन पासवर्ड का उपयोग करता था। आरोपी ने वेतन शाखा में कार्य करते हुए 2018 से 2023 के बीच में धोखाधड़ी की है। नाम परिवर्तन कर छलपूर्वक व कपटपूर्वक, कूटरचना कर शासकीय कोषालय से पृथक से कर्मचारियों के युनिक आईडी का उपयोग कर मृत व सेवा से पृथक कर्मचारियों को फ्री पूल से ज्वाइन कराके उनकी राशि स्वयं व परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर लिया करता था, विभाग की और से आरोपी द्वारा राशि ट्रांसफर करने के लिए उपयोग में लिए गए तीन बैंक खातों की जानकारी भी दी है।

ऐसे की धोखाधड़ी की जादूगरी
पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी ने धोखाधड़ी करने का तरीका अपनाया था, इसके लिए आरोपी मृत व सेवा से पृथक कर्मचारियों के नाम के आगे परिजनों व स्वयं के बैंक खातों को लिखकर ट्रांसफर कर लेता था, क्योंकि लेखा शाखा भोपाल व कार्यालय आयुक्त कोष द्वारा की गई जांच में भी इसी बात का खुलासा हुआ है। आरोपी ने पदस्थापना के बाद वर्ष 2017 में त्यागपत्र देने वाले कर्मचारी भारतसिंह के नाम की राशि को सबसे पहले स्थानांतरित किया था, इसके बाद आरोपी ने लगातार इस प्रकार के प्रकरणों की फाइलों को सर्च करना शुरु कर दिया ताकि कर्मचारियों व उनके परिवार को मिलने वाली राशि अपने खातों में स्थानांतरित कर सके। विभाग के अनुसार 10 से अधिक कर्मचारियों की राशि आरोपी ने अपने खातों में लेकर विभाग के साथ धोखा किया है। उक्त मामले की जानकारी के लिए जब जिम्मेदारों से सम्पर्क किया गया तो जिम्मेदार कहने से बचते रहे।

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