Mradhubhashi
Search
Close this search box.

सेम मैरिज पर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहा – ऐसे युग में हमारा जन्म हुआ, लड़के-लड़के आपस में शादी कर रहे हैं

सेम मैरिज पर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहा - ऐसे युग में हमारा जन्म हुआ, लड़के-लड़के आपस में शादी कर रहे हैं

बागेश्वर धाम अपने बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते है इस बार भी वो अपने एक बयान को देकर सुर्खियों में बन गए है। बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अफसोस है कि उनका जन्म इस युग में क्यों हुआ.

जबलपुर में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन उन्होंने समलैंगिक विवाह की चर्चा करते हुए कहा कि हमारा जन्म ऐसे युग में हुआ, जब लड़का ही लड़का से शादी कर रहा है. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अब बड़े शहरों में इस तरह के विवाह आम हो गए. हालांकि कहा जा रहा है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान से एलजीबीटी समुदाय में नाराजगी भी हो.

लड़के-लड़के आपस में शादी कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि हनुमान जी अब बचाओ। पहले जमाना अच्छा था। लड़के की शादी लड़की से होती थी। लेकिन, आजकल तो कार्ड पढ़ना पड़ता है कि लड़के की शादी लड़की से हो रही है या लड़के से। हम तो एक दिन सोच रहे थे, बताओ ऐसे ही युग में हमारा जन्म हुआ। जब लड़के-लड़के आपस में शादी कर रहे हैं। यह विदेश में बहुत चलता है। अब यह हमारे शहरों में होने लगा है। लड़के के विवाह के लिए लड़की की आवश्यकता नहीं है।

सरकार ने मान्यता भी दे दी तो बढ़िया है

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वैसे व्यवस्था ठीक है। हमारे गांव में 2 से 3 लड़कों की शादी नहीं हो रही। हमने एक दिन बैठे-बैठे विचार किया। हमने कहा एक काम करो। जब नहीं हो रही तो इनकी आपस में करवा दो। जब व्यवस्था बनाई गई है और सरकार ने मान्यता भी दे दी तो बढ़िया है। कम से कम मरेंगे तो ब्रह्माजी से यह तो नहीं कहेंगे कि हमारा विवाह नहीं हुआ।विवाह दो लोगों में होता है. पर आजकल तो उल्टा जमाना आ गया है. हनुमान जी बचाए, ऐसे उल्टे जमाने से. आजकल तो लड़के ही लड़के से ब्याह कर रहे हैे. बिटिया ही बिटिया से ब्याह कर रही है.”

सरकार इसके पक्ष में नहीं है

लेकिन यहाँ आपको यह बात बताना जरुरी है कि केंद्र सरकार ने समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने इसको लेकर हलफनामा दायर किया। जिसमें बताया कि सरकार इसके पक्ष में नहीं है। केंद्र ने कोर्ट में 56 पेज का हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि सेम सेक्स मैरिज भारतीय परंपरा के मुताबिक नहीं है। यह पति-पत्नी और उनसे पैदा हुए बच्चों के कॉन्सेप्ट से मेल नहीं खाती।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट