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MP में देसी सांडों की नसबंदी का आदेश वापस, विरोध के बाद झुकी शिवराज सरकार

भोपाल। भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के विरोध के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने देसी सांडों की नसबंदी कराने का फैसला वापस ले लिया है। प्रज्ञा ठाकुर ने सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कहा था कि इससे गोवंश खत्म हो जाएगा। इससे पहले प्रज्ञा ठाकुर ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात कर इस प्रोग्राम को तत्काल प्रभाव से रोकेने को कहा था, उन्होंने पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल से भी इस बारे में बात की थी। दोनों ने उन्हें मामले पर संज्ञान लेने का आश्वासन दिया था।

राज्य सरकार के पशुपालन विभाग का गांवों के निकृष्ट (अनुपयोगी) सांडों की नसबंदी के आदेश का मामला गरमाने के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई है। सरकार ने विरोध के 24 घंटे के अंदर नसंबदी के आदेश को वापस ले लिया है। इस संबंध में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ. आरके मेहिया ने बुधवार को आदेश जारी किया।

वहीं, नसबंदी रोकने का आदेश जारी होने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट किया कि यह हो क्या रहा है, सरकार चल रही हे या सर्कस‌‌? राेज सुबह अजीबोगरीब आदेश निकलते है और शाम होते तक निरस्त? पहले मदिरा की खपत बढ़ाने का आदेश निकला,कांग्रेस के विरोध के बाद निरस्त। और अब सांडो के नसबंदी का आदेश भी कांग्रेस के विरोध के बाद निरस्त। ब्यूरोक्रेसी इसीलिये निशाने पर है।

पशुपालन विभाग की तरफ से 29 सितंबर 2021 को जिलो को आदेश जारी किए थे कि निकृष्ट (अनुपयोगी) सांडों की नसबंदी करना सुनिश्चित किया जाए। आदेश में 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक नसबंदी अभियान चलाने के निर्देश दिए गए थे। सरकारी आकड़े के अनुसार प्रदेश में करीब 12 लाख सांड है।

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