Parag Agarwal: Twitter के बनने वाले नए सीईओ पराग अग्रवाल अपने एक पुराने Twitte को लेकर ट्रोल हो रहे हैं। यह ट्वीट उन्होंने 10 साल पहले किया था। अब सोशल मीडिया में उनके ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आतंकवाद पर उठाया था सवाल
भारतीय-अमेरिकी सीईओ पराग अग्रवाल ने 26 अक्टूबर 2010 में एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें कहा गया था कि ‘यदि आप मुसलमानों और आतंकियों के बीच अंतर नहीं करते हैं, तो आपको गोरों और नस्लवादियों के बीच अंतर करने की आवश्यकता क्यों है?’ हालांकि, अग्रवाल ने खुद कहा है कि उन्होंने केवल कॉमेडियन अर्सिफ मांडवी को उद्धृत किया, जिन्होंने डेली शो में इन पंक्तियों में कुछ कहा था। 37 साल के पराग ने IIT-Bombay से स्नातक डिग्री ली है। उसके बाद उन्होंने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री ली। साल 2011 में उन्होंने Twitter ज्वाइन किया और उसके बाद वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
पराग अग्रवाल ने बताई रणनीति
वहीं जैक डोर्सी ने सोमवार को अपना पद छोड़़ने का एलान किया है। ट्विटर इंक ने इस बात की जानकारी दी और बताया कि निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से पराग अग्रवाल को सीईओ और बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। मौजूदा समय में पराग अग्रवाल ट्विटर के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) हैं। ट्विटर में साल 2011 से काम कर रहे अग्रवाल ने कहा कि हमने हाल ही में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी रणनीति को अपडेट किया है और मेरा मानना है कि रणनीति साहसिक और सही होनी चाहिए, लेकिन हमारी महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि हम इसके खिलाफ कैसे काम करते हैं और परिणाम देते हैं। इसी तरह हम ट्विटर को सर्वश्रेष्ठ बना सकते हैं।
जैक डोर्सी ने छोड़ा पद
जैक डोर्सी का कार्यकाल 2022 में समाप्त होगा। वह तब तक अपने पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि पराग पर उनका भरोसा है। पिछले 10 सालों से पराग का काम काफी प्रभावशाली रहा है और अब समय उनका नेतृत्व करने का है। जैक डोर्सी 2007 में ट्विटर के सीईओ बने थे, लेकिन अगले साल ही उनको हटा दिया था। 2015 में वापस उनको सीईओ का पदभार सौंपा गया। जैक डोर्सी 16 सालों तक कंपनी में सक्रिय रहे। वह कंपनी में सह-संस्थापक, सीईओ समेत अध्यक्ष से कार्यकारी अध्यक्ष जैसे कई पदों पर रह चुके हैं।