मध्य प्रदेश में पिछले दिनों से मौसम ने ऐसी करवट ली है कि किसान त्राहिमाम रहे हैं। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को एक बहुत बड़ा झटका दिया है। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के शहडोल, चंबल, रीवा, जबलपुर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर बारिश हुई इस वजह से अधिकतर इलाकों में तापमान में भी गिरावट देखने को मिली। मंगलवार को भी मौसम का ऐसा ही रहने वाला है।
इन इलाकों में होगी ओलावृष्टि और बारिश
मौसम विभाग के अनुसार 21 मार्च को सागर, रीवा,ग्वालियर-चम्बल में ओलावृष्टि और बारिश हो सकती है। इसके अलावा मौसम ने तेज़ हवा चलने का भी अंदेशा जताया है। प्रदेश के जबलपुर, शहडोल,नर्मदापुरम, भोपाल,उज्जैन शाजापुर,आगर के कुछ हिस्सों में आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।
किसानों को मिलेगा मुआवजा
एक तरफ जहां फरवरी के आखिरी सप्ताह से ही तापमान में बढ़ोतरी के साथ गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था वहीं, अब आधा मार्च बीतने के साथ मौसम के करवट लेने से उत्तर भारत में गुलाबी ठंड की वापसी हुई है. सबसे ज्यादा ओलावृष्टि खरगोन हुई। रविवार को तो खरगोन की तस्वीरें कश्मीर जैसी दिख रही थी। ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है। हालांकि खरगोन कलेक्टर ने कहा है कि अधिकतर किसानों ने फसलें काट ली थी जिन किसानों को नुकसान हुआ है उन्हें सर्वे कराने के बाद उचित मुआवजा दिया जायेगा।
1.5 लाख हेक्टेयर फसल चौपट
सरकारी सर्वे की मानें तो मध्यप्रदेश के साढ़े तीन हजार से ज्यादा गांवों में 1.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल को नुकसान हुआ है। शुरुआती सर्वे में जहां ओले पड़े हैं, वहां फसलों को 50 से 85% तक नुकसान माना जा रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान विदिशा में हुआ है जहां 49883 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। सबसे ज्यादा 38078 किसान भी विदिशा में ही प्रभावित हुए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने को कहा है।