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सारंगपुर जिले में 21 दिन में साढ़े 16 लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं की हुई खरीदी

सारंगपुर जिले में 21 दिन में साढ़े 16 लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं की हुई खरीदी

सारंगपुर। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी को किसानों का समर्थन मिल रहा है। इसका अंदाजा आवक देखकर लगाया जा सकता है। दरअसल, खरीदी का दौर चल रहा है और 21 दिन में आवक का आंकड़ा साढ़े 16 लाख क्विंटल से अधिक पर पहुंच गया है, जबकि खरीदी का दौर अभी आगे भी कई दिन चलना है।

118 केंद्रों पर 24 हजार से ज्यादा किसानों से हुई खरीदी
56 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन
65 हजार हेक्टेयर कृषि रकबे में लगी रबी फसलें
48 हजार हेक्टेयर में सिर्फ गेहूं का रकबा

विकासखंड सारंगपुर की बात करें तो करीब 65 हजार हेक्टेयर कृषि रकबे में लगी रबी फसलों में 48 हजार हेक्टेयर में सिर्फ गेहूं का रकबा था और उत्पादन बंपर हुआ है। विकासखंड में 29 केंद्रों पर खरीदी चल रही है और जिले में 118 केंद्रों पर गेहूं का उपार्जन किया जा रहा है। किसान अपनी उपज मंडियों व समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर विक्रय के लिए ला रहे हैं।

सिर्फ पंजीकृत किसान बेच सकते हैं उपज
इस बार उत्पादन की बेहतर संभावना को देखते हुए खरीदी को लेकर भी व्यापक तैयारियां की गई थीं, जिसमें 1 अप्रैल से गेहूं खरीदी शुरू की गई थी। समर्थन मूल्य पर सिर्फ पंजीकृत किसान ही अपनी उपज विक्रय कर सकते हैं, ऐसे में किसानों से पहले पंजीयन कराए गए थे। जानकारी के अनुसार जिले में समर्थन मूल्य पर गेहंू विक्रय के लिए 56902 किसानों ने पंजीयन कराया। गेहूं खरीदी का भुगतान 2125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किया जाना है।

बाजार में गेहूं के दाम समर्थन मूल्य से कम
सरकारी केंद्रों पर आवक बढ़ने के प्रमुख कारणों में बाजार में गेहूं के औसत दाम समर्थन मूल्य से कम होना भी है। दरअसल, कई बार मंडियों में सामान्य गेहूं के औसतन दाम सरकारी दाम 2125 रुपए क्विंटल से कम रहे हंै। वहीं सरकारी खरीदी शुरू होने के बाद मंडियों में अवकाश, लेखाबंदी व त्योहारों के चलते कुछ दिन खरीदी भी बंद रही थी। ऐसे में सरकारी गेहूं खरीदी केंद्रों पर आवक बेहतर रही है।

सरकारी खरीदी को मिल रहा समर्थन
जानकारी के अनुसार सरकारी खरीदी के लिए 118 केंद्र बनाए गए है। खरीदी शुरू होने से पहले पूरे खरीदी सीजन के दौरान लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अभी खरीदी के 21 दिन ही बीते हंै और आवक 16 लाख 54 हजार 60.29 क्ंिवटल के लगभग हो चुकी है। वहीं खरीदी का दौर शासन द्वारा तय तारीख तक जारी रहना है। ऐसे में आवक का आंकड़ा और भी बढ़ना है। इस तरह कहा जा सकता है कि सरकारी खरीदी को किसानों का समर्थन मिल रहा है।

किसानों को 20 दिन के बाद भी भुगतान का इंतजार
कई किसानों ने बताया कि उनके द्वारा एक से दो सप्ताह पहले केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं का विक्रय किया जा चुका है, लेकिन उन्हें शासन ने अब तक भुगतान नहीं किया गया है। पड़ाना सहकारी समिति सेल्समेन जोरावर खाती ने बताया कि 11 अप्रैल तक उपज बेचने वाले किसानों को भुगतान किया जा चुका है, जबकि उसके बाद के किसानों का भुगतान होना शेष है।

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