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भारत में नाबालिग मुस्लिम लड़की शादी के लिए आज़ाद !

मुस्लिम लड़की यदि युवावस्था को प्राप्त कर चुकी है तो वह परिजनों की अनुमति के बिना भी किसी से शादी कर सकती है। चाहे फिर वह नाबालिग क्यों न हो

दिल्ली हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़की और उसके पति की ओर से सुरक्षा मांगे जाने के मामले की सुनवाई करते हुए यह बात कही है। जस्टिस जसमीत सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘यदि लड़की ने यौवन को प्राप्त कर लिया है तो फिर वह अपने परिजनों की मंजूरी के बिना ही मुस्लिम लॉ के तहत शादी कर सकती है और अपने पति के साथ रह सकती है। भले ही वह नाबालिग ही हो। उसके पति पर पॉक्सो के नियम लागू नहीं होंगे।’

बेंच ने कहा कि यदि किसी लड़की ने अपनी मर्जी से शादी की है और वह अपने पति के साथ खुश है तो फिर प्रशासन उनके निजी दायरे में दखल नहीं दे सकता। अदालत ने 11 मार्च को शादी करने वाले कपल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। युवती के परिजनों का कहना था कि उनकी बेटी की उम्र 15 साल ही है, जबकि उसने जिस युवक से शादी की है, वह 25 साल का है। अदालत ने कहा कि इन लोगों के फैसले में दखल देना उनके निजी दायरे में अतिक्रमण करने जैसा होगा।

लड़की के परिजनों ने पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। इसके बाद कपल ने उच्च न्यायालय में अप्रैल में अर्जी दाखिल की थी और सुरक्षा की मांग की थी। दोनों का कहना था कि हमें कोई भी अलग नहीं कर सकता है।

सुनवाई के दौरान युवती के वकील ने अदालत में उसका आधार कार्ड पेश किया, जिसके मुताबिक उसकी आयु 19 साल है। वकील ने कहा कि युवती प्रेगनेंट है और वह अपनी मर्जी से युवक के साथ गई थी और दोनों ने शादी कर ली है।

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