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स्पेस में महाकाल : उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के नाम से लॉन्च होगा Satellite

स्पेस में महाकाल उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के नाम से लॉन्च होगा Satellite

विज्ञान और धर्म के बीच विरोधाभास अकसर देखने को मिलता है, लेकिन गुरुवार को केरल के तिरुवंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के प्रमुख सोमनाथ श्रीधर पनिकल जिस रूप में नजर आए वह विज्ञान और भारतीय सनातन संस्कृति की जुगलबंदी को दर्शाने वाला था। दरअसल इसरो महाकाल नाम से एक Satellite लॉन्च करने वाला है। लॉन्च होने वाले Satellite के लिए इसरो प्रमुख ने सपरिवार प्रपंच यज्ञ में शामिल होकर आहुति प्रदान की।

तिरुवंतपुरम। उज्जैन के बाबा महाकाल दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, लेकिन अब भारतीय विज्ञान ने बाबा महाकाल की इस प्रसिद्धि की गूंज को अंतरिक्ष तक पहुंचाने का संकल्प ले लिया है। इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बाबा के नाम से एक उपग्रह लॉन्च करने के बारे में योजना बना ली है। इस बात की जानकारी खुद इसरो प्रमुख सोमनाथ श्रीधर पनिकर ने गुरुवार को दी। उन्होंने कहा कि काफी समय से इसरो इस बारे में योजना बना रहा है, लेकिन इस प्रपंच यज्ञ में मां पूर्णा मिकाव का पूजन-अर्चन करने के बाद मैं कह सकता हूं कि जल्द ही इसे लॉन्च करने के कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।

Satellite लॉन्च करने का मकसद
इसरो प्रमुख सोमनाथ श्रीधर ने कहा कि भारत की शक्ति अंतरिक्ष में बढ़े इसलिए जल्द ही महाकाल के नाम से Satellite लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने पूरे परिवार के साथ तिरुवंतपुरम में पूजन-अर्चन कर यज्ञ में आहुति दी। इस यज्ञ का गुरुवार को समापन हुआ। इस यज्ञ के प्रमुख आचार्य उज्जैन महाकाल के पुजारी पं. रमण थे। इसरो प्रमुख ने पं. रमण से आशीर्वाद लिया। इस खास मौके पर केंद्रीय डेरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी मौजूद थे।

1100 ब्राह्मणों ने पूर्ण कराया यज्ञ
चिावण्डिडा, वेगानुर, तरुवंतपुरम में मां पूर्णा मिकाव के आंगन में जनकल्याण और भारत को अंतरिक्ष में सर्वशक्तिमान बनाने के मकसद से यह यज्ञ किया गया। इस यज्ञ को पूरे देश के 1100 ब्राह्मणों और चार वेदों के आचार्यों द्वारा पूर्ण कराया गया। इस अवसर पर श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की गाथा को हिंदी में बताने के लिए उज्जैन से खासतौर पर स्वामी मुस्कुराके को आमंत्रित किया गया। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिग गाथा का लाइव प्रसारण भी किया गया।

तेजी से बढ़ रही देश की स्पेस इकोनॉमी
Satellite अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश को विकसित बनाने में हर क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन क्षेत्रों में से एक है स्पेस यानी अंतरिक्ष से जुड़ी अर्थव्यवस्था। स्पेस इकोनॉमी में भारत तेजी से अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। आने वाले समय में भारत स्पेस इकोनॉमी का एक बड़ा खिलाड़ी बनने वाला है और इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के साथ ही न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (ठरकछ) और इन-स्पेस जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। अर्न्स्ट एंड यंग की डेवलपिंग द स्पेस इको सिस्टम इन इंडिया के नाम से प्रकाशित रिपोर्ट में भारत में स्पेस इकोनॉमी के सालाना 6 फीसदी के हिसाब से वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। भारत की स्पेस इकोनॉमी का आकार 13 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। वनवेब के मिशन के लिए पिछले 6 महीने में 72 सैटेलाइट को लॉन्च कर भारत ने इस बाजार पर अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है।

रूस और चीन से दूर हो रहे उपभोक्ता
Satellite स्पेस इकोनॉमी में भारत की संभावना इसलिए भी बढ़ रही है कि फिलहाल रूस और चीन जिस तरह की साम्राज्यवादी और विस्तारवादी नीति अपना रहे हैं, उस भू-राजनीतिक अलगाव का लाभ भारत को कमर्शियल स्पेस लॉन्च में मिल सकता है। यही वजह है कि भारत खुद को स्पेसएक्स का भरोसेमंद विकल्प बनाने के लिए स्पेस से जुड़े बाजार पर फोकस कर रहा है। स्पेसएक्स फिलहाल स्पेस इकोनॉमी में स्पेसक्राफ्ट बनाने, कमर्शियल सैटेलाइट लॉन्चिंग में अग्रणी है, जिसकी स्थापना उद्योगपति एलन मस्क ने की थी।

इसलिए हमारे देश में हैं अपार संभावनाएं
भारत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसरो की वाणिज्यिक इकाई के जरिये कमर्शियल Satellite लॉन्चिंग की लागत विकसित देशों की तुलना में काफी कम है।

  • हमारे देश के वैज्ञानिकों के अथक मेहनत का ही नतीजा है कि भारत ने 2 अप्रैल 2023 को दोबारा उपयोग में लाए जा सकने वाले प्रक्षेपण यान की स्वत: लैंडिंग का मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।
    -जब भारत अपने कमर्शियल सेटेलाइट लॉन्चिंग में रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल करेगा तो यहां से सैटेलाइट लॉन्चिंग और भी सस्ती हो जाएगी।

-26 मार्च 2023 को इसरो ने अपने सबसे भारी रॉकेट एलवीएम-3 के जरिये 36 सैटेलाइट को लॉन्च किया था।
-23 अक्टूबर 2022 को भी 36 उपग्रहों को लॉन्च किया था। यह पूरा करार एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का था।
-06 महीने में 72 Satellite को लॉन्च कर भारत ने इस बाजार पर अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है।

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