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लोकायुक्ता का छापा: 10 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकाला भ्रष्ट खनिज अधिकारी मोहन

इंदौर\देवास। कोई अधिकारी जिस सरकार से तनख्वाह लेता है, उसे ही फटका लगा दे तो समझा जा सकता है कि सरकारी विभागों में किस तरह से भ्रष्टाचार का प्रदूषण फैल गया है। इंदौर में मंगलवार को लोकायुक्त के छापे में ऐसा ही मामला उजागर हुआ। लोकायुक्त ने देवास के खनिज अधिकारी डॉ. मोहन सिंह खतेड़िया के इंदौर के तुलसी नगर स्थित आवास सहित देवास, पीथमपुर, उज्जैन के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सुबह साढ़े पांच बजे शुरू हुई कार्रवाई देर शाम तक चली। इस छापेमारी से पता चला कि खनिज अधिकारी खुद ही कई खदानों का मालिक हो गया है। लोकायुक्त ने यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद की।

कई गिट्टी खदाने

मोहन सिंह खनिज अधिकारी के पद पर जहां भी पदस्थ रहा वहां उसने अपने कारोबार को भी विस्तार दिया। उसने  कई जगह अपनी खदानें और प्लांट बनाए। उज्जैन, इंदौर और धार जिले में उसकी संपत्तियां मिली हैं। एक गिट्टी खदान की कीमत करीब 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है। मोहन सिंह रेत की एक खदान भी चला रहा था। उसके घर से तीन लाख रुपए से ज्यादा कैश, सोने-चांदी के जेवर भी मिले हैं।

अधिकारी के पास इतनी संपत्ति

-एक मकान उज्जैन में और दो मकान इंदौर में।

-एक प्लॉट इंदौर के नायता मुंडला में

-सात ट्रक,कई लग्जरी गाड़ियां भी मिलीं

-इंदौर में महालक्ष्मी नगर में भाई के नाम से मकान

-गुजरात के दाहोद में पत्नी के नाम से प्लॉट।

-एमएस कंस्ट्रक्शंस नाम से कंपनी

-पीथमपुर में रेडी मिक्स क्रेशर प्लांट

-5 बैंक खाते और एक बैंक लॉकर

डेढ़ लाख रुपए तनख्वाह

वर्तमान में मोहन सिंह का वर्तमान वेतन करीब डेढ़ लाख रुपए है। वह इंदौर के अलावा धार, देवास और उज्जैन में पदस्थ रहा है। 1991 में निरीक्षक पद पर भर्ती हुआ था। 32 साल में उसने करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली।

छापे में कई दस्तावेज मिले

डॉ. मोहन सिंह खतेड़िया के ठिकानों पर छापे में कई दस्तावेज मिले हैं। इनकी संपत्तियां उज्जैन, इंदौर, धार जिले में हैं। इंदौर में लोकायुक्त की दो टीम, पीथमपुर में एक टीम और उज्जैन में एक टीम ने छापेमारी की।

आनंद कुमार यादव, डीएसपी लोकायुक्त, इंदौर

5 बैंक खाते और एक बैंक लॉकर की जानकारी मिली।

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