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संस्थान ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से किया समझौता, IIT इंदौर सड़कों की गुणवत्ता बेहतर करने में करेगा मदद

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर का सिविल इंजीनियरिंग विभाग अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की मदद करेगा। मध्य भारत में कहीं भी सड़क सुरक्षा के उपाए हो या सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर करना हो, आइआइटी इंदौर मिलकर काम करेगा। संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर के अनुभव का लाभ एनएचएआइ को मिल सकेगा। आइआइटी इंदौर ने यह भी तय किया है कि वह अपनी लैब एनएचएआई को उपयोग करने के लिए देगा। इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच समझौता हुआ है। आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी और एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक जायसवाल, परियोजना निदेशक मनीष असिती के बीच इस विषय पर विस्तार से बात हुई और दोनों ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

आईआईटी जनहित के कार्यों में भी कर रहा सहयोग

आईआईटी इंदौर कई ऐसे निर्णय ले रहा है जिससे सरकारी व्यवस्था बेहतर होने के साथ जनहित के कार्य बेहतर हो सके। संस्थान स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि, आॅटोमोबाइल और कई क्षेत्रों में ऐसे काम कर रहा है जिससे आम लोगों को फायदा मिलेगा। कई शोध भी किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। कमर्शियल पेटेंट भी संस्थान को प्राप्त हो चुका है, जिससे शोध को उत्पाद बनाकर बाजार तक लाया जा सकता है।

कई संस्थानों के साथ मिलकर कर रहा काम

महू आर्मी कॉलेज, आईआईएम इंदौर और आरआर कैट के साथ मिलकर भी संस्थान कई कार्य कर रहा है। कोरोना महामारी में संकट के समय भी संस्थान ने अपने साधन शोध के लिए सबको उपलब्ध कराए थे और इंदौर प्रशासन को भी कोरोना टेस्ट के लिए कुछ उपकरण दिए थे। विश्व की महामारी पर काम करने के लिए भी संस्थान डब्ल्यूएचओ के साथ काम कर।रहा है। आईआईटी इंदौर जिस सिमरोल गांव में है, वहां के आसपास के गांव में भी शिक्षा और विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं

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