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अपात्र लोगों ने भी बनवा लिए हैं बीपीएल कार्ड !

उज्जैन। उज्जैन जिले में शासन से मिलने वाली सुविधाओं के चलते अपात्र लोग भी बीपीएल कार्ड बनवा रहे हैं। मध्यवर्गीय परिवार के यह कार्डधारी कंट्रोल दुकान का अनाज खाते नहीं, अपितु हाथों हाथ बाजार में बेच देते हैं। शासन द्वारा 20 रुपए किलो का अनाज इन्हें मात्र एक रुपए किलो में दिया जाता है। जिला कलेक्टर बीपीएल राशन कार्ड का सर्वे करवाया जिसमें, जिले में करीब 72 हजार कार्ड धारियों में 6 हजार अपात्र पाए गए जिसके बाद कार्रवाई करते हुए तीन हजार लोगाें के नाम तत्काल बीपीएल कार्ड से हटाया गया है।

बीपीएल कार्ड में शहर के कई संपन्न लोगों के साथ शासकीय कर्मचारी भी बीपीएल परिवार में शामिल हो गया है। उज्जैन जिला कलेक्टर ने सोमवार को मेला कार्यालय में जानकारी देते हुए बताया की जिले में बीपीएल राशन कार्ड का सर्वे पूरा हो चूका है । जिले करीब 72 हजार बीपीएल राशन कार्ड धारी है । आज की तारीख में करीब 6 हजार लोग ऐसे है जो अपात्र पाए गए है । अपात्रता के कारण अलग अलग है । ऐसे लोगो जिन्होंने गलत तरीके से बीपीएल राशन कार्ड की सुविधा ली है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी ।

सूची में कई ऐसे नाम जुड़े हुए थे, जिनका परिवार बीपीएल में होना पात्रता में नहीं आता है, वहीं एक बीपीएल कार्ड पंचायत सचिव का है और शासन की योजनाओं का लाभ भी पात्र न होने के बाद ले रहे थे। शहर के साथ सभी गांवों में अगर जांच हो तो बड़ी संख्या में फर्जी बीपीएल कार्डधारी मिलेंगे। इनके पास मकान, कार व महंगा दोपहिया वाहन है। कुछ शासकीय कर्मचारियों के बीपीएल कार्ड भी बनाए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। यह सब संबंधित विभाग को ज्ञात है, फिर भी फर्जी बीपीएल परिवारों के खिलाफ मुहिम नहीं चलाई गई थी। बच्चों की फीस, आरटीई में एडमिशन व शासन की योजनाओं का लाभ भी यह अपात्र ले रहे हैं। फर्जी बीपीएल कार्डधारियों की वजह से कई बार तो असली बीपीएल कार्डधारी जिनके लिए शासन द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही है, उन योजनाओं का लाभ ही नहीं ले पाते।

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