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Independence Day 2023 Special: 15 अगस्त को भारत के अलावा इन देशों को मिली थी आजादी, तमिलनाडु के एक किसान ने बनाया था तिरंगा

Independence Day 2023 Special: 15 अगस्त को भारत के अलावा इन देशों को मिली थी आजादी, तमिलनाडु के एक किसान ने बनाया था तिरंगा

Independence Day Special Fact: 15 अगस्त को भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस दिन करीब आधा दर्जन और देश भी आजादी का जश्न मनाते हैं। इन देशों को भी 15 अगस्त को ही आजादी मिली थी। रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो को फ्रांस से 15 अगस्त 1960 को आजादी मिली थी। इस देश को Congo-Brazzaville के नाम से भी जाना जाता है।

यहां लोग 15 अगस्त को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। 15 अगस्त 1945 को साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया जापानी शासन से आजादी हुए थे। ये दोनों भी 15 अगस्त को नेशनल लिब्रेशन डे के रूप में मनाते हैं। दुनिया के सबसे छोटे देशों में से लिकटेंस्टाइन ने 15 अगस्त 1866 को जर्मनी से आजादी पाई थी। 15 अगस्त 1971 को अहम आइडलैंड कंट्री को यूके से आजादी मिली थी।

Independence Day 2023: भारत का वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज भी इस स्वरूप में कई बदलावों के बाद आया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह तिरंगा तमिलनाडु के किसान पिंगली वेंकैया ने 1921 में बनाया था। शुरुआत में राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया और हरा रंग थे। बीच में सफेद पट्टी। फिर महात्मा गांधी ने अशोक चक्र का विचार दिया था।

केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। हरा विश्वास और शौर्य का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि सफेद रंग शांति का प्रतीक है। मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। इतना ही नहीं 2021 के दिसंबर तक तिरंगा को बनाने या आपूर्ति करने का लाइसेंस केवल खादी विकास और ग्रामोद्योग के पास था। 30 दिसंबर 2021 को संशोधन हुआ और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज या मशीन से बने झंडे को भी मंजूरी मिली।

पहले स्वतंत्रता दिवस पर नहीं था कोई राष्ट्रगान
Independence Day 2023: भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस पर कोई भी राष्ट्रगान नहीं था। साल 1911 में ‘जन-गण-मन’ का बांग्ला संस्करण लिखा गया था, लेकिन 1950 में इसे हमारे राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया। बता दें पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह का महात्मा गांधी हिस्सा नहीं थे। दरअसल, उस दिन महात्मा गांधी नोआखली, बंगाल (अब बांग्लादेश में है) में थे। वहां गांधी जी हिंदू-मुस्लिम में उपजे तनाव को समाप्त करने का प्रयास कर रहे थे। वह नौ अगस्त 1947 को कोलकाता पहुंचे थे, जहां की बस्तियों में शांति स्थापित कराया था। उन्होंने अहिंसा रोकने के लिए अनशन शुरू किया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देशवासियों को संबोधन
Independence Day 2023: देश के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संबोधित किया। द्रौपदी कहा कि सभी देशवासियों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई! हम सबके लिए यह दिन गौरवपूर्ण और पावन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम एक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं, जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है। हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों के समुदाय हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश ने नया सवेरा देखा। उस दिन हमने विदेशी शासन से आजादी हासिल की। हमारी स्वाधीनता के साथ विदेशी शासकों द्वारा उपनिवेशों को छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। उपनिवेशवाद खत्म होने लगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी व अनेक असाधारण एवं दूरदर्शी विभूतियों के नेतृत्व में देश का राष्ट्रीय आंदोलन अद्वितीय आदर्शों से अनुप्राणित था। गांधी व अन्य विभूतियों ने देश की आत्मा को फिर से जगाया।

देश सेवा में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं महिलाएं
Independence Day 2023: राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं विकास और देश सेवा में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं। राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं। हमारी महिलाओं ने अनेक क्षेत्रों में विशेष स्थान बनाया है, जिनमें कुछ दशकों पहले उनकी भागीदारी की कल्पना तक नहीं की जाती थी। मुझे खुशी होती है कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दें। कहा कि पूरी दुनिया में भारत विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है।

युवाओं के सपनों से मिलती है ताकत
Independence Day 2023: राष्ट्रपति ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव होंगे। युवा पीढ़ी के सपनों से देश की प्रगति को शक्ति मिलती है। हमारे युवाओं ने स्टार्टअप से लेकर खेलकूद तक उत्कृष्टता के नए आसमानों में उड़ान भरी है। कहा कि इस साल इसरो ने चंद्रयान-3 लांच किया है, जो चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। इसरो के के अनुसार उसका विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कुछ दिनों में चंद्रमा पर उतरेंगे। पूरे देश के लिए वह गौरव का क्षण होगा। अंतरिक्ष में हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए चंद्र अभियान केवल एक सीढ़ी है। देश को अभी बहुत आगे जाना है।

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