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हाथरस मामले में एक आरोपी को उम्र कैद की सजा, तीन बरी, 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की अनुसूचित जाति/जनजाति अदालत ने तीन साल पुराने हाथरस बलात्कार-हत्या मामले के मुख्य आरोपी को दोषी करार देते हुये बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि तीन अन्य को बरी कर दिया।

इस मामले में चार आरोपी थे जिनमें संदीप (20), रवि (35), लव कुश (23) और रामू (26) शामिल थे। अदालत ने भादसं की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) एवं एससी एसटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत संदीप को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी । इसके अलावा उसके खिलाफ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Hathras kand Life imprisonment to Sandeep there was ruckus after burning  dead body at midnight - हाथरस कांड में एक को उम्रकैद, तीन बरी, आधी रात शव  जलाने के बाद मचा था

संदीप के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि संदीप के खिलाफ बलात्कार का आरोप साबित नहीं हो सका।
मामले में सीबीआई ने हत्या, सामूहिक बलात्कार और अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की धाराओं के तहत चारों आरोपियों के खिलाफ यहां अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।

महिला के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहीं वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि वे इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगी । पुंडीर ने यह भी कहा, “मेरा मुवक्किल निर्दोष है। हम सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।” हाथरस की 19 वर्षीय युवती के साथ उसके गांव के चार लोगों ने 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। घटना के एक पखवाड़े बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। बाद में आधी रात को उसके गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। मृत युवती के परिवार के सदस्यों ने दावा किया था कि दाह संस्कार उनकी सहमति के बिना किया गया था और उन्हें अंतिम बार शव घर लाने की अनुमति नहीं दी गयी थी। इस घटना ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं और प्रदेश सरकार की विपक्ष ने खूब आलोचना की थी ।

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