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हे राम यह क्या हो गया? : इंदौर में रामनवमी का उल्लास मातम में बदला, मंदिर की बावड़ी पर बनी छत धंसी, 15 की मौत

हे राम यह क्या हो गया? : इंदौर में रामनवमी का उल्लास मातम में बदला, मंदिर की बावड़ी पर बनी छत धंसी, 15 की मौत

इंदौर। इंदौर में गुरुवार को रामनवमी का उल्लास मातम में बदल गया। सपना संगीता रोड स्थित पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हवन के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुरातन बावड़ी की छत पर बैठे थे।

तभी बावड़ी की छत धंस गई और श्रद्धालु 40 फीट गहरी बावड़ी में गिर गए। हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई । रेस्क्यू टीम ने 20 से ज्यादा लोगों को बचाया है। 12 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। घटना सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे की है। बावड़ी में चार से पांच फीट पानी होने से रेस्क्यू आॅपरेशन में काफी दिक्कत आई। पहले रस्सियों के सहारे बावड़ी में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की गई। फिर रेस्क्यू के लिए पानी को खाली कराया गया और गोताखोर भी उतारे गए।

मंदिर में थी बहुत ज्यादा भीड़
जिस समय हादसा हुआ उस समय कन्या पूजन का कार्यक्रम था और हवन हो रहा था। इसलिए मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ थी। 30 से ज्यादा लोग बावड़ी की छत पर बैठे थे। तभी छत टूट गई। बताया जा रहा है कि ज्यादातर हवन इस बावड़ी के ऊपर ही हुआ करते थे।

किस वजह से धंसी छत?
मंदिर परिसर में निर्माण और खुदाई का काम चल रहा है। मंदिर परिसर में निर्माण कार्य के चलते भी बावड़ी की दीवार धंसकने से छत गिरने की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा कुछ लोगों ने चूहों के कारण के कारण बावड़ी के खोखला होने की बात कही है।

बावड़ी पर छत डाल कैसे बना दिया मंदिर?
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि असल में मंदिर को गलत तरीके से बनाया गया था। एक पुरानी बावड़ी के ऊपर छत डालकर मंदिर का स्वरूप दे दिया गया था। करीब एक दशक पहले यह छत डालकर मंदिर बनाया गया था, जो अधिक लोगों का भार नहीं सह पाया।

भराव किए बगैर ही पैक बावड़ी की पैक
इलाके के लोगों ने खुलासा किया है कि मंदिर प्रबंधन ने इस बावड़ी को भराव किए बगैर ही पैक कर ऊपर से गर्डर-फर्शी डाल दी। उसके बाद टाइल्स लगा दी थी। जो लोग मंदिर में आ रहे थे, उनमें से अधिकतर को पता ही नहीं था कि वे जिस जगह खड़े होकर दर्शन और हवन-पूजन करते हैं, उसके नीचे बावड़ी है।
इस घटना के बाद से मंदिर के पुजारी और यहां हो रहे निर्माण से जुड़े लोग लापता हो गए हैं। प्रशासन उनकी तलाश में है, ताकि पूछताछ की जा सके।

एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची
पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हादसे की सूचना दिए जाने के बाद भी मौके पर एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची थी। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद काफी देर तक मौके पर फायर बिग्रेड, एंबुलेंस और 108 गाड़ियां नहीं पहुंची। कुछ लोगों को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया। गिरने वाले लोगों के परिजन बदहवास थे।

मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख की सहायता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए राहत राशि दी जाएगी और घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम से बात कर हालात के बारे में जानकारी ली।

नगर निगम प्रशासन की लापरवाही
हादसे को लेकर नगर निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि जहां पर बावड़ी का निर्माण हुआ, उसके पास ही कमरा भाजपा के एक पार्षद का कार्यालय है। करीब डेढ़ साल पहले आप-पास के रहवासियों ने नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को एक लिखित शिकायत दी थी। उसमें कहा गया था कि यह बावड़ी अवैध तरीके से बनाई जा रही है। इससे कभी भी हादसा हो सकता है, इसके बाद भी न तो कमिश्नर ने और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इस ओर ध्यान दिया। लोगों की शिकायत को नजर अंदाज कर दिया गया। इसी लापरवाही के कारण आज ये हादसा हो गया है।

प्रशासन ने पल्ला झाड़ा
इस मामले में अब प्रशासन ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। रहवासी लंबे समय से नगर निगम, कलेक्टर और अन्य विभागों को यहां चल रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायत कर रहे थे लेकिन कोई भी अधिकारी सुन नहीं रहा था।

मंदिर ट्रस्ट को निर्माण हटाने का आदेश
अब हादसे के बाद नगर निगम ने मंदिर ट्रस्ट को निर्माण हटाने का आदेश दिया है। आदेश श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी के नाम पर जारी हुआ है।

लापरवाहों पर हो सकती है कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार मामले को लेकर बरती गई लापरवाही पर सरकार सख्त एक्शन ले सकती है। प्रशासन के आला अफसरों ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी है।

न्यायिक जांच होगी

इंदौर कलेक्टर इलैया राजा ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर कलेक्टर से बात की। उन्होंने प्रशासन को श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए।

इनकी हुई मौत
-लक्ष्मी पति रतीलाल पटेल (70) पटेल नगर
-इंद्रकुमार पिता थामावदास हरवानी(53)साधु वासवानी नगर
-भारती कुकरेजा पति परमानंद(58) साधु वासवानी नगर
-जयवंती पति परमानंद खूबचंदानी(84) स्नेह नगर
-दक्षा पटेल पति लक्ष्मीकांत पटेल नगर
-मधु पति राजेश भम्मानी (48) सर्वोदय नगर
-मनीषा मोटवानी पति अकाश, साधु वासवानी नगर
-गंगा पटेल पति गगन दास पटेल नगर
-कनक पटेल (32) पटेल नगर
-पुष्पा पटेल (49) पटेल नगर
-भूमिका खानचंदानी (31) पटेल नगर


इन लोगों के बचाया गया:
भारती गुलानी (28), महेश कौशल (49), रौनक पाल (37), ज्योति पटेल (55), लक्ष्मीनारायण शर्मा, ललित सेठिया (44), बेबी अलिना (7), बेबी वेदा (3), मुरली सबनानी (54), शांता पटेल (57), भावेश पटेल (37), लक्ष्मण दलवानी (53), पंकज पटेल (47), दीपा खानचंदानी (52), माया गुलानी (48), नंदनी दशोरे (15), आकाश मोटवानी (25), कनक पटेल (32)। हालांकि इनमें से दो की मौत हो गई है।


11.30 बजे सुबह बावड़ी की छत धंसी
12.30 बजे शुरू हुआ रेस्क्यू आॅपरेशन
12,40 बजे पर कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर पहुंचे
1 बजे सीएम शिवराज ने ली घटना की जानकारी

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