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31 साल पहले 30 रुपये की चोरी की थी, पुलिस ने पकड़कर अदालत में पेश किया तो जज ने यह कहा

जींद। 31 साल पहले मामूली सी चोरी करने वाला शख्स जब पुलिस की गिरफ्त में आया तो उसको अदालत में पेश किया गया। जज ने उस शख्स के साथ इंसाफ किया और उसको बरी कर दिया, क्योंकि वह अपने जुर्म की सजा पहले ही काट चुका था।

जमानत मिलने पर हुआ था फरार

जींद जिले के ध्रोंडी गांव के रहने वाले सुभाष चंद पर साल 1990 में एक किसान की जेब से 30 रुपये चुराने का आरोप लगा था। पुलिस ने जेब काटने के जुर्म में उसको उसी वक्त गिरफ्तार कर लिया था और पुलिस ने आरोपी से चोरी गई रकम भी बरामद कर ली थी। आरोपी सुभाष चंद को 1990 में ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन वह फरार हो गया था इसलिए एक स्थानीय अदालत ने उसको भगोड़ा घोषित किया था। 31 साल बाद जब वह पुलिस के शिकंजे में फंसा तो उसको अदालत में पेश किया गया। अदालत में जज ने कहा कि वह पहले ही जेल में सजा काट चुका है इसलिए उसे बरी किया जाता है।

3 दिसंबर 1990 का है मामला

जसवंती गांव के रहने वाले करम सिंह ने 3 दिसंबर 1990 को कैथल कस्बे के सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह गांव के पास एक बस स्टैंड पर खड़ा हुआ था तभी आरोपी ने उसकी जेब से 30 रुपये चुरा लिए। फरियादी करम सिंह की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 379 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। FIR होने के एक दिन बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और उसके पास से चोरी गए रुपए भी बरामद कर लिए थे। 4 दिसंबर को आरोपी सुभाष को जमानत पर छोड़ दिया गया, लेकिन इसके बाद वह कभी वापस नहीं लौटा।

अदालत ने घोषित किया था भगोड़ा

16 सितंबर, 1996 को उसको भगोड़ा घोषित कर दिया गया। हाल ही में कैथल पुलिस ने भगोड़े अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष अभियान चलाया था। पुलिस ने सुभाष की गिरफ्तारी के कई छापे मारे और उसको पकड़कर अदालत में पेश किया। अदालत में आरोपी ने पैसे चुराना स्वीकार किया और कहा कि उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 21 साल थी। अब उसकी उम्र 52 साल है और वह एक लड़के और लड़की का पिता है।

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