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अब नहीं चलेगी डॉलर की दादागिरी

अब नहीं चलेगी डॉलर की दादागिरी

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा व्यापर अमेरिकी डॉलर के जरिये ही होता है, लेकिन अब डॉलर की दादागिरी को खत्म करने के लिए कई देश एकजुट हो रहे हैं। अप्रैल में ही भारत और बांग्लादेश ने रुपए और टके में व्यापार करने पर सहमति जाताई है। वहीं रूस भारत से रुपए और रुबल में व्यापार करने की बात कर रहा है।

वहीं चीन और ब्राजील तो एक-दूसरे की करेंसी से व्यापार कर रहे हैं। अब कई विकसित देश डी-डॉलराइजेशन की बात भी करने लगे हैं। वहीं कई देश भारत से रुपए में व्यापार करने की इच्छा जता चुके हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में रुपए में ट्रेड करने के लिए देशी और विदेशी बैंकों में 18 देशों को स्पेशल रुपये वोस्ट्रो अकाउंट खोलने की मंजूरी दी है। इन देशों में रूस के अलावा जर्मनी, श्रीलंका, सिंगापुर, फिजी, इजराइल, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, म्यांमार और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

अभी यह सब कुछ हो रहा:
भारत और मलेशिया के बीच भी रुपए में व्यापार करने की सहमति बनी है। वहीं सऊदी अरब भी कह चुका है कि वह डॉलर को छोड़कर किसी भी करेंसी में व्यापार करने को तैयार है। वहीं रूस और ईरान अपनी क्रिप्टोकरेंसी तैयार करने में लगे हैं। रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को देखते हुए कई देशों ने यह समझा है कि डॉलर पर निर्भरता कम  की जानी चाहिए।

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