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सरकार के भरोसे मत बैठो, खुद के दम पर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनो – पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

देश में आज भौतिक विकास के साथ-साथ एक अच्छी और सनातनी विचार धारा का विकास भी आवश्यक है। देश में आज अल्पसंख्यक बहुसंख्यकों पर हावी हो रहे हैं। देश कोई सीमाओं में बंधा एक ज़मीन का टुकड़ा नही है। देश समाज से बनता है और उन्नत समाज ही एक उन्नत देश का निर्माण करता है।

समाज जागरूक होगा तो सत्ता को पता चल जाएगा कि हमने इनकी आस्थाओं में दखल दिया यह हमें पलट देगा। सरकारों पर निर्भर होना छोड़ दीजिए। बिजली का बिल माफ करने पर सत्ता बदल देंगे तो राष्ट्र नहीं बचेगा। हमारे देश में मतदाता कहा जाता है.., अन्नदाता कहा जाता है। दाता वह हाेता है जाे दान करता है। फिर जब आपने मतदान ही किया है ताे फिर उसके बदले में कुछ मिले इसकी उम्मीद क्याें लगाते हैं।

हमारे देश में मतदान के बदले हम नेता से मांग करते हैं और अगर वह नहीं देता ताे हम दूसरा नेता चुन लेते हैं। यह सब करने में हम राष्ट्र की नहीं अपने स्वार्थ की साेचते हैं। सबसे पहले हमें राष्ट्र के बारे में साेचने की जरूरत है।

यह बात कल्याणम् उद्यान में शनिवार देर रात दुबे एंड एसाेसिएट्स द्वारा आयाेजित भारत माता पूजन व विचार संगाेष्ठी में वर्तमान परिदृश्य में देश के समक्ष चुनाैतियाें एवं समाधान विषय पर संबाेधित करते हुए मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कही।

मुख्य अतिथि विधायक व पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर थीं। शुरुआत में वक्ता कुलश्रेष्ठ, मंत्री ठाकुर व आयाेजक एडवाेकेट विक्रम दुबे ने भारत माता की पूजा की। इसके बाद कुलश्रेष्ठ ने संबाेधित करते हुए देश में राष्ट्र विराेधी गतिविधियाें के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देश में जातियाें के नाम पर विभाजन किया जा रहा है। जिससे हिंदू धर्म बिखर रहा है।

किसान आंदोलन पर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपने भाषण में कहा कि हर किसी को अंदोलन ओर विरोध का मौका मिलना चाहिए लेकिन आंदोलन का अर्थ ये नही के उसके माध्यम से देश को खंडित करने का काम हो। राष्ट्रवाद पर देश को एक होकर आना होगा तभी हम एक उन्नत राष्ट्र बन पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालाें से देश में सिर्फ झूठ कहा जा रहा है। इतना झूठ कह दिया गया है कि देशवासियाें काे झूठ सुनने की आदत हाे चुकी है। इसकी वजह लाेकतंत्र व राजनीति भी है। क्याेंकि लाेकतंत्र बगैर झूठ के चल ही नहीं सकता है। हालात यह है कि माता-पिता भी अपने बच्चाें से झूठ बाेलने लग गए हैं। अगर माता-पिता ही बच्चाें से झूठ बाेलने लगेंगे ताे फिर समाज कैसे चलेगा। कार्यक्रम का संचालन संयाेजक एडवाेकेट विक्रम दुबे ने किया।

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