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CM शिवराज ने संबल 2.0 योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में अंतरित किए 573 करोड़ 39 लाख रुपए

भोपाल। आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय से मुख्यमंत्री जनकल्याण ( संबल 2.0) योजना का शुभारंभ कर 27,018 प्रकरणों में 573.39 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों के खाते में अंतरित की है, बता दें, संबल योजना से और अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने योजना को नया स्वरूप देते हुए संबल 2.0 योजना शुरू की है। संबल के माध्यम से गरीबों को लाभान्वित करने का क्रम लगातार जारी रहेगा।

मिली जानकारी के मुताबिक, आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से संबल 2.0 पोर्टल का शुभारंभ एवं अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत 27,018 श्रमिक परिवारों को 573.39 करोड़ की सहायता राशि हितग्राहियों के खाते में अंतरित की। इस अवसर पर श्रम मंत्री भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा कि, संबल योजना हमने फिर से शुरू कर दी है। चिंता मत करना। मेरे गरीब भाई-बहन, छोटे किसान भाई-बहन, मजदूरी करने वाले, पत्थर ढोने वाले, फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाले, चाय दुकान चलाने वाले अब तो तेंदूपत्ता तोड़ने वाले गरीब भाई-बहन को भी इस योजना शामिल करेंगे। संबल योजना में आवेदन देने के लिए आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं पड़ेंगे। एमपी ऑनलाइन, नागरिक सुविधा केंद्र, लोक सेवा केंद्रों में आवेदन कर सकते हैं। नवीन पंजीयन शुरू हो रहा है। काटे गए नाम फिर से जोड़े जाएंगे। इस बार हम ई-कार्ड बनाकर देंगे।

वही, कांग्रेस पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि, हमने मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना गरीबों, छोटे किसानों, श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई। युद्धस्तर पर रजिस्ट्रेशन कर इसका लाभ देना प्रारंभ किया, लेकिन बीच में कांग्रेस की सरकार आ गई और योजना को बंद कर दिया। किसी भी गरीब भाई-बहन के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। जो नाम काट दिए गए थे, उन्हें फिर से जोड़ा जाएगा। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी जा रही है। किसी को कहीं भटकने की आवश्यकता नहीं है, कार्यकर्ता भी सहायता करेंगे।

गरीबों, छोटे किसानों, श्रमिकों के कल्याण के लिए आज फिर से संबल योजना प्रारंभ की जा रही है। यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, हमारे लिए गरीबों का कल्याण और इनकी सेवा ही हमारी प्राथमिकता है संबल योजना अत्यंत मानवीय योजना है। मैंने बचपन में देखा है कि गर्भवती श्रमिक बहनें प्रसव से दो-चार दिन पहले तक मजदूरी करने के लिए मजबूर होती थीं, इस योजना में हमारी श्रमिक बहनों को प्रसव से पूर्व और बाद में कुल 16 हजार दिए जाएंगे।

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