प्रशांत शर्मा /भोपाल – भारतीय जनता पार्टी में 70 की उम्र पार नेताओं के चेहरे पर टेंशन साफ तौर से देखने को मिल रही है। टेंशन विधानसभा चुनाव के दौरान टिकिट ना मिलने को लेकर है। दरअसल पार्टी ने गाइडलाइन तय की है कि 70 साल के ऊपर के नेताओं को विधानसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा। ऐसे में सबसे ज्यादा चिंता में कुछ मंत्री और विधायक देखने को मिल रहे हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बीच खबर यह भी आई है कि इन नेताओं के बेटो को टिकिट मिल सकती है।
उम्र दराज मंत्रियों में बिसाहूलाल सिंह का सबसे पहले नाम है। सूत्रों की माने तो उस संगठन में बिसाहूलाल सिंह को तलब किया था और यह संकेत दे दिए हैं कि वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सिंह से उस क्षेत्र के दावेदारों के नाम भी पूछे गए। लेकिन सिंह ने अपने बेटे का नाम विधानसभा चुनाव के लिए आगे किया है। वहीं मध्यप्रदेश के कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव भी इस उम्र के पड़ाव में हैं।
बताया जा रहा है कि इस बार गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव गढ़ाकोटा सीट से विधानसभा के दावेदार होंगे। वहीं पूर्व मंत्री और विधायक गौरीशंकर के ऊपर भी विधानसभा टिकट की तलवार लटकी हुई है। बताया जा रहा है कि संगठन और भारतीय जनता पार्टी के बड़े पदाधिकारियों ने साफ मना कर दिया है। ऐसे में गौरीशंकर में अपनी बेटी मौसमी के लिए टिकिट की मांग कर रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है मौसमी को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से टिकट मिलना तय है।
बड़े उम्र दराज नेताओं में एक नाम पूर्व मंत्री जयंत मलैया का भी आता है। हालांकि वह 2018 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दावेदार बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि सिद्धार्थ को पहले पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।लेकिन बीते दिनों मुख्यमंत्री ने निष्कासन निरस्त करते हुए पार्टी में शामिल किया।
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की माने तो इस बार मध्य प्रदेश में कई प्रजेंट विधायक और मंत्रियों के टिकट काटे जाएंगे। 70 प्लस का फार्मूला मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा। लेकिन उन नेता पुत्रों को विधानसभा में जगह दी जाएगी जिनका अपने क्षेत्र में अच्छा खासा वर्चस्व है।