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उज्जैन में राशन कार्ड बनाने का बड़ा फर्जीवाड़ा, होगी एफआईआर

उज्जैन में राशन कार्ड बनाने का बड़ा फर्जीवाड़ा, होगी एफआईआर

तहसीलदार की नकली सील-साइन से बना दिए सैकड़ों राशन कार्ड

उज्जैन। उज्जैन में राशन कार्ड को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ाया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब हतग्राहियों की संख्या अचानक बढ़ने पर एसडीएम ने जांच करवाई। उज्जैन जिले के ग्राम माकड़ोन में हुए बीपीएल राशन कार्ड फर्जीवाड़े में कार्ड बनाने में पूरी प्रक्रिया का कहीं भी पालन नहीं किया गया। दो महीने में माकड़ोन तहसील के लगभग आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों लोगों के राशन कार्ड बना दिए गए। इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब हितग्राहियों की संख्या अचानक बढ़ने पर एसडीएम ने जांच करवाई।

इसमें पता चला कि माकड़ोन तहसील के गांव में 2 माह में जो राशन कार्ड जारी किए गए हैंं, वे सभी फर्जी हैं, क्योंकि इन पर लगी तहसीलदार की सील और हस्ताक्षर भी नकली हैं।

20 अप्रैल को मिली थी शिकायत
एसडीएम एकता जायसवाल ने बताया कि मुझे 20 अप्रैल को यह शिकायत मिली थी कि माकड़ोन तहसील के ग्राम खेड़ाचितावलिया, पचोला, गुंदलडिया, कतवारिया में मार्च और अप्रैल में सैकड़ों लोगों के बीपीएल राशन कार्ड बनाए गए हैं। एक माह में बीपीएल राशन कार्ड धारकों में सैकड़ों ग्रामवासियों की बढ़ोतरी होने पर जब मैंने मामले में जांच की तो पता चला कि जो भी बीपीएल राशन कार्ड बनाए गए हैं उनमें शासन की प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया है। जिस पर मैंने इस पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश तहसीलदार अनिरुद्ध पाराशर को दिए थे। इसमें इस बात का खुलासा हुआ कि मार्च और अप्रैल 2023 में जो बीपीएल कार्ड जारी हुए हैं वे फर्जी हैं और इस पर तहसीलदार के हस्ताक्षर हैं वे फर्जी तरीके से बनाए गए हैं और सील भी नकली लगी है।

पुलिस पता लगाएगी कौन है मास्टर माइंड
बताया जाता है कि अब इस पूरे मामले में हुए फर्जीवाड़े में जल्द ही पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी और यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर बीपीएल राशन कार्ड का यह फर्जीवाड़ा कौन कर रहा था इसके पीछे कौन लोग हैं और उन्होंने यह फर्जी बीपीएल राशन कार्ड बनाने के नाम पर कितने लोगों को ठगकर उनसे कितनी राशि वसूली।

सबसे अधिक कार्ड खेड़ाचितावलिया के
तहसीलदार अनिरुद्ध पाराशर ने जांच के दौरान पाया कि माकड़ोन तहसील के ग्राम खेड़ा चितावलिया, पचोला, गुंदलडिया, कतवारिया में मार्च और अप्रैल 2023 में सबसे अधिक बीपीएल राशन कार्ड बनाए गए, जिनमें सबसे अधिक बीपीएल कार्ड गांव खेड़ाचितावलिया के मिले। ग्राम खेड़ा चिता बलिया की स्थिति यह थी कि यहां एक ही परिवार के तीन व्यक्तियों के बीपीएल राशन कार्ड बना दिए गए थे।

ऐसे हुआ खुलासा

मार्च और अप्रैल में बीपीएल राशन कार्ड धारकों की संख्या में हुई बढ़ोतरी को लेकर एसडीएम एकता जायसवाल ने तहसीलदार अनिरुद्ध पाराशर को जांच के लिए निर्देशित किया था, साथ ही उन्होंने जनपद पंचायत की बीपीएल शाखा में पदस्थ अमित दीक्षित से चर्चा भी की थी। इसमें पता चला कि बीपीएल राशन कार्ड बनाने में सबसे अधिक गड़बड़ी जनपद पंचायत में ही हुई है। बीपीएल के आदेशों की जांच की, उसमें प्रथम दृष्टया उन्हें फर्जीवाड़े की शंका हुई।

उनके द्वारा जनपद पंचायत की बीपीएल शाखा से रिकॉर्ड जब्त कर उसकी जांच की गई। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि जनपद पंचायत सीईओ डॉली श्रीवास्तव को बीपीएल राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए जिस भी व्यक्ति ने उन्हें न्यायालय का आदेश बताते हुए आवेदन प्रस्तुत किए उन्होंने मार्क करके बीपीएल शाखा में भेज दिया गया था। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिए जा रहे आदेश फर्जी हैं।

इस पूरे फर्जीवाड़े पर एसडीएम एकता जायसवाल ने जनपद को निर्देशित किया एवं पत्र भी जारी किया कि कोई भी आदेश जो न्यायालय से जारी होता है, वह संबंधित को भेजा जाता है। प्रत्यक्ष रूप से इस प्रकार के आदेश प्राप्त कर उसे बीपीएल मान लेना एक गंभीर त्रुटि है। फर्जी बीपीएल राशन कार्ड के इस मामले में जांच के दौरान पता चला कि मार्च और अप्रैल में जो भी राशन कार्ड जारी किए गए उनमें एक भी मामला ऐसा नहीं था जिसका आवेदन लोक सेवा में लगाया गया हो। सभी ने तहसीलदार और पटवारी से रिपोर्ट बनवाने की बजाय सीधे जनपद में ही आवेदन कर दिए।

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