जम्मू। 14 फरवरी 2019 में हुए Pulwama हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार गुरुवार को बड़ी आतंकी वारदात हुई। पुंछ जिले में तेज बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने सेना के वाहन पर ग्रेनेड फेंका, जिससे वाहन में आग लग गई। इस घटना में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन के लिए तैनात राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के पांच जवान शहीद हो गए। यह आतंकी हमला दोपहर तीन बजे के करीब पुंछ जिले के भाटादूरिया इलाके में किया गया।
हमले के बाद सेना ने पूरे इलाके को घेरकर सर्च आॅपरेशन चलाया। बताया जा रहा है कि यह वाहन इलाके में गश्त के लिए लगाया गया था। इस हमले के बाद पुलिस की तरफ से इस रूट को बंद करवा दिया गया। लोगों को दूसरे रूट का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया । दरअसल इस इलाके में पहले भी आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो चुकी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि आतंकियों का ग्रुप इस इलाके में सक्रिय है। इस हमले को श्रीनगर में होने वाले जी-20 सम्मेलन के विरोध के रूप में देखा जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुंछ जिले में हुए हमले को लेकर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह इस त्रासदी से दुखी हैं। ट्रक में आग लगने के बाद भारतीय सेना ने अपने बहादुर जवानों को खो दिया है।
जवानों को संभालने का मौका नहीं मिला
सेना के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया कि सेना का वाहन बिंबर गली से पुंछ की तरफ जा रहा था। तीन बजे के करीब इलाके में उस पर आतंकी हमला हुआ। तेज बारिश का फायदा उठाकर आतंकियों ने इस वाहन पर फायरिंग की। उसके बाद ग्रेनेड भी फेंके गए। इससे जवानों को संभालने का मौका नहीं मिला। इससे वाहन में आग लग गई और वाहन में मौजूद छह जवान चपेट में आ गए। इसमें पांच मौके पर ही शहीद हो गए। एक घायल को इलाज के लिए राजौरी के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
आतंकियों ने तीन तरफ से की फायरिंग
बताया जा रहा है कि आतंकियों ने ग्रेनेड हमले के बाद सेना के काफिले पर तीन तरफ से फायरिंग की। माना जा रहा है कि हमले में चार आतंकी शामिल हैं। हमले के बाद वाहन के फ्यूल टैंक में आग लगी और देखते ही देखते पूरा वाहन आग की चपेट में आ गया। सूत्रों का कहना है कि जब ये हमला हुआ, जवान गाड़ी में सब्जी और अन्य सामान लेकर जा रहे थे।
पीएएफएफ ने ली जिम्मेदारी
आतंकी संगठन जैश समर्थित पीएएफएफ यानी पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही पीएएफएफ का नाम सामने आने लगा था। यह आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है, जो वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा के लिए भी वफादार माना जाता है।
जी-20 सम्मेलन से पहले साजिश
जम्मू-कश्मीर राजधानी श्रीनगर में 22 से 24 मई तक होने वाले जी-20 सम्मेलन से पहले इसे एक सुनियोजित हमला बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर पाकिस्तान और पीओके के अधिकारियों में निराशा बढ़ रही है। यह भी पता चला है कि पीओके में मस्जिदों के लाउडस्पीकरों पर लोगों को सीमित अवधि के लिए कश्मीर में जिहाद ब्रिगेड में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने की घोषणा की जा रही है। घोषणाओं में कहा गया है कि सीमा पार करने के इच्छुक लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा और कश्मीर में जी-20 शिखर सम्मेलन में खलल डालने के लिए हथियारों से लैस किया जाएगा।
सम्मेलन से पाक और चीन को लगा है झटका
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में पर्यटन के लिए कार्यसमिति की बैठक के लिए श्रीनगर को चुनकर पाकिस्तान और चीन को झटका दिया है। केंद्र सरकार ने गणना की है कि कार्यक्रम यह संदेश देने में सक्षम होगा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद स्थिति सामान्य हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के कड़े विरोध के बावजूद श्रीनगर में कार्यक्रम स्थल तय किया गया। पाकिस्तान ने आयोजन स्थल को श्रीनगर में बदलने के लिए सऊदी अरब, तुर्की और चीन जैसे देशों के साथ परामर्श किया लेकिन असफल रहा।
घाटी में कितनी आतंकी घटनाएं ?
242 आतंकी घटनाएं हुईं 2022 में
172 आतंकी मारे गए 2022 में
31 जवान शहीद हुए 2022 में
30 आम नागरिक मारे गए 2022 में
1067 आतंकी हमले हुए 5 साल में
182 जवान शहीद हुए पांच साल में
729 आतंकी मारे गए पांच साल में