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Chhatarpur: टोने-टोटके के कारण मुसीबत में बागेश्वर सरकार !

सोशल मीडिया में अक्सर चर्चाओं में रहने वाले बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर से चर्चाओ में आ गए हैं। दरअसल नया मामला नागपुर से सामने आया है। जहां अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने पं. धीरेंद्र शास्त्री पर कई आरोप लगाए है। उनका आरोप है कि दिव्यशक्ति का दावा करने वाले बागेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र शास्त्री को समिति ने चुनौती दी थी कि वे उनके लोगों की समस्या और उनके बारे में जानकारी दें तो समिति उन्हें 31 लाख का इनाम देगी।

मगर शास्त्री जी समिति की चुनौती न स्वीकार करते हुए नागपुर से ही चले गए। जिस पर समिति ने पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ जादू- टोना विरोधी कानून के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर मध्यप्रदेश में जाकर उन्हें गिरफ्तार करने और दिव्य दरबार के आयोजकों पर कार्रवाई करने की मांग पुलिस से की है।

यहां आपको य़ह बताना जरूरी है कि धीरेन्द्र शास्त्री की जहां भी कथा होती उस दौरान दिव्य दरबार एवं प्रेत दरबार का आयोजन भी होता है! जिसमें शास्त्री लोगों से प्रेत बाधा से मुक्ति उनके परिवार आदि में आ रही बाधाओं से निजात दिलाने का दवा करते देखे जा सकते है ! नागपुर में 5 जनवरी से 13 जनवरी तक कथा का आयोजन था जिसमें 7-8 जनवरी को दिव्य दरबार लगना था इस बात का उल्लेख आयोजन समिति ने भी अपने निर्धारित कार्यक्रम में किया था मगर दिव्य दरबार तो यहां लगा ही नहीं बल्कि कथा भी 13 की जगह 11 को ही सम्पन्न कर दी… इस मामले में अंध श्रद्धा एवं जादू टोना उन्मूलन समिति के सह अध्यक्ष श्याम मानव ने दावा किया कि उनके द्वारा लगातार पुलिस को शिकायत की जा रही थी इसी बात के डर से धीरेन्द्र शास्त्री ने दो दिन पहले ही कथा समाप्त कर दी और वापिस लौट गए।

कुछ लोगों का ये भी कहना है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री fadnavees और केंद्रीय मंत्री गडकरी भी कथा में पंडित शास्त्री के दर्शन करने पहुंचे थे और शायद मामला तूल न पकड़े इसलिए ईन नेताओं की समझाइश पर ही धीरेंद्र शास्त्री नागपुर से दो दिन पूर्व ही निकल गए! हालांकि इस घटना के बाद धीरेंद्र शास्त्री का भी बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने उन पर लगे आरोप सिरे से खारिज कर दिए देखिए क्या कहा धीरेन्द्र शास्त्री ने..

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