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बाबा महाकाल को भी लगती है गर्मी | सहस्त्र जलधारा के लिए शिवलिंग के शीर्ष पर बांधी गई 11 मटकियां

बाबा महाकाल को भी लगती है गर्मी सहस्त्र जलधारा के लिए शिवलिंग के शीर्ष पर बांधी गई 11 मटकियां

गर्मी आते ही जहाँ एक और लोग घर में ठंडक के लिए कूलर ,एसी व अन्य राहत की चीजो का इंतजाम कर रहे हे वहीँ भगवान को गर्मी से बचाने के लिए पुजारियों द्वारा भी कई प्रकार के जतन किये जा रहे हे। गर्मी के तेवर बढते ही उज्जैन में महांकालेश्वर मंदिर के पण्डे पुजारियों ने भगवान महाकाल को ठंडक के लिए जतन प्रारंभ कर दिए हे। परम्परा अनुसार मन्दिर में बाबा महाकाल को सहस्त्र जल धारा चढाई जा रही हे। प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से राजा महाकाल को गर्मी से निजात के लिए सतत जल धारा के माध्यम से ठंडक दी जाती हे। शिवलिंग के ऊपर कई मटकियाँ लगाईं गई है जिनके द्वारा ठंडा पानी सतत गिर रहा हे।

शिवलिंग के शीर्ष पर बांधी गई 11 मटकियां

उज्जैन के महांकालेश्वर मन्दिर में बाबा भोलेनाथ को जल धारा के माध्यम से ठंडक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। यहां बाबा महाकाल को गर्मी से निजात दिलाने के लिए परम्परा अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपाद से जल धारा प्रारंभ की जाती हे। जल धारा का यह क्रम ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तक सतत जारी रहता हे। बाबा को जलधारा चडाने के लिए शिवलिंग के शिर्ष पर ग्यारह मटकियाँ बांधी गई हे।

मटकियों में अलग-अलग पवित्र नदियों का जल भरा गया

जो मटकियां महाकालेश्वर शिवलिंग के उपर बांधी गई हैं वे भी अपने आप में ख़ास है। दरअसल इन मटकियों को गन्तिकाएँ भी कहा जाता है। मटकियों में अलग अलग पवित्र नदियों का जल भरा गया हे। प्रत्येक मटकियों के माध्यम से अलग अलग जलधार द्वारा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल चढाया जाता हैं। बाबा को यहाँ जलधारा प्रतिदिन सुबह 6 बजे चढना प्रारंभ की जाती हे जो की शाम 5 बजे तक निरंतर जारी रहती हे।यहाँ पंडे-पुजारी महाकाल को वैशाख-ज्येष्ठ मास की भीषण गरमी में शीतलता के लिए यह जतन करते हैं।

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