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अमेरिका का वो हवाई जहाज जिस पर परमाणु बम का भी नही होगा असर

मान लीजिये कि पूरी दुनिया में तबाही का मंजर है, हर तरफ परमाणु हमले हो रहे हैं, धरती पर प्रलय जैसा वातावरण हो तो ऐसे में क्या आप के पास बचने के लिए कोई विकल्प है ? बेशक नहीं होगा।

लेकिन आप सुनकर चौंक जायेंगे कि अमेरिका के पास एक ऐसा प्लेन हैं जो ऐसी स्थिति में बच सकता है,,, जिसपर खतरनाक परमाणु हमले का जरा भी असर नहीं होगा। जी हाँ हम बात कर रहे हैं डूम्सडे प्लेन के बारे में जिसे टेक्नीकल भाषा में बोईंग ई-4बी कहते हैं।

दरअसल रूस और यूक्रेन की लड़ाई में पूरी दुनिया परमाणु हमले की कगार पर है। सबको डर है कि कहीं रूस परमाणु हमले का विकल्प न चुन ले। ऐसे में 28 फरवरी 2022 को अमेरिका ने एक ऐसा प्लेन उड़ाया जिसपर पूरी दुनिया की नजर टिक गयी।

इस प्लेन की खासियत यह है कि इस पर दुनिया के सबसे खतरनाक परमाणु या नुक्लियर हमले का असर भी नहीं होता। यानि उसमें बैठे लोगों पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।

28 फरवरी को यह प्लेन नेब्रास्का के यूएस एयरफोर्स बेस से उड़ान भरी और साढ़े चार घंटे की यात्रा पूरी करके शिकागो में उतरा। इस प्लेन को अमेरिकी मिलिट्री द्वारा मेंटेन किया जाता है।

यह प्लेन नाइटवॉच एयरक्राफ्ट फ्लीट का हिस्सा है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान एयरफोर्स वन भी शामिल है। इसको बनाने के पीछे मकसद था कि परमाणु युद्ध के समय इसे उड़ने वाले कमांड सेंटर में बदल दिया जाएगा, इसमें मिलिट्री के उच्च अधिकारी हवा में उड़ते हुए दुश्मन से लड़ने की रणनीति बनाएंगे।

यह विमान एंटीक एनालॉग यंत्रों पर काम करता है, इसीलिए इसको ट्रैक कर पाना संभव नहीं। परमाणु विस्फोट से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का भी इस विमान पर असर नहीं होगा।

विमान के सबसे ऊपरी हिस्से को रैडोम कहते हैं, यहां पर 65 सैटेलाइट डिश और एंटीना लगे हैं, ताकि जहाजों, युद्धपोतों, पनडुब्बियों, जंगी जहाजों और जमीनी लैंडलाइन फोन से संपर्क कर सके। यह कई दिनों तक हवा में उड़ान भरता रह सकता है।

अमेरिकी वायुसेना के पास ऐसे चार प्लेन है। हर प्लेन की ऊंचाई छह मंजिला इमारत के जितनी है। हर प्लेन में 18 बंक्स हैं। 6 बाथरूम हैं, एक गैले और एक ब्रीफिंग रूम है। हर प्लेन में कुल मिलाकर 112 लोग उड़ान भर सकते हैं।

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