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नकली लेडी एसडीएम के बाद अब फर्जी जज भी गिरफ्तार

इंदौर। नकली लेडी एसडीएम द्वारा करोड़ों की ठगी करने का मामला अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि अब फर्जी जज बनकर 2.90 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसकी कार और लाल बत्ती भी जब्त कर ली है। उससे पूछताछ में कई मामलों के सामने आने की संभावना है।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने राजीव कुमार लाहोटी को पकड़ा है। वह इंदौर के ही सुदामा नगर में रह रहा था। यहां आसपास के लोग भी उसके गिरफ्तार होने के पहले तक राजीव को जज ही समझते थे। आसपास के लोग इसके चलते उसे तवज्जो देते थे। क्राइम ब्रांच ने बताया कि कुछ समय पहले लाहोटी ने महाराष्ट्र के एक बिजनेसमैन को इंदौर बुलाया था। यहां से वह उन्हें दर्शन के लिए उज्जैन ले गया। उज्जैन पहुंचने के पहले उसने पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को कॉल किया। लाहोटी ने खुद को सेशन जज बताया और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस का रिश्तेदार भी कहा। इस पर उज्जैन के पुलिस अधिकारी खुद ही उसे रिसीव करने पहुंचे। पुलिस अफसर ने लाहोटी को वीआईपी दर्शन कराए और वहीं की एक बड़ी होटल में पार्टी भी दी। इंदौर आकर इसी बिजनेसमैन को दिल्ली जाकर रिटायर्ड जस्टिस से मिलाने का वादा भी किया।

सूत्रों के मुताबिक इंदौर के एक जज खान से राजीव लाहोटी का चेहरा मिलता था। कई वकीलों से जब राजीव का सामना होता था तो वह उसे जज खान समझ लेते थे। लाहोटी वहां से चुपचाप मिलकर निकल जाता था। इंदौर में अगर वकीलों से मुलाकात होने पर वह अपनी पोस्टिंग उज्जैन या देवास में होना बताता था। क्राइम ब्रांच के पास जज को लेकर ओर भी शिकायतें पहुंची थी। उसने इंदौर में अपने कई बंगले बदल दिए थे। नकली जज राजीव लाहौटी मूल रूप से गुना का रहने वाला है। जिले के चांचौड़ा में वह रहता था। कुछ समय तक वह शहर की कोकाटे कॉलोनी में भी रहा। बड़े भाई की मौत हो जाने के बाद वह इंदौर शिफ्ट हो गया था। क्राइम ब्रांच ने उससे जो कार जब्त की है, वह भी गुना पासिंग ही है। पुलिस ने उससे लाल बत्ती लगी दो कार जब्त की हैं।

इस तरह हुआ खुलासा

इन्दौर क्राइम ब्रांच को फरियादी ने शिकायत की थी कि अरोपी राजीव कुमार लाहोटी ने अपने आप को जज बताकर एक कोर्ट का मामला निपटाने लिए 2 लाख 90 हजार रुपए की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने खुलासा किया लाहोटी ने अपनी कार में लालबत्ती लगाकर न्यायाधीश लिखी हुई गाड़ी से फरियादी से संपर्क किया था। देवास कोर्ट का जज बताते हुए फरियादी को झूठे विश्वास में लिया और कहा की देवास कोर्ट में कोई केस हो तो उसे मैं खत्म करवा दूंगा। फरियादी से 2 लाख 90 हजार रुपये उसने ले लिए। पैसे लेने के बाद भी न तो उसका कोई काम किया और न उसे पैसे वापस किए। महिला को जब धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उसने शिकायत की।

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