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इंदौर के युवा लेखक तुषार की कलम ने रचा साहित्य रुपी नशा !

“आओ दोस्त चिलम फोड़े” नामक कहानी संग्रह राजमंगल पब्लिशर की किताब है। जिसे इंदौर शहर के युवा लेखक तुषार रामडिया ने लिखा है। इस कहानी संग्रह में साहित्य को सेलिब्रेट किया गया है। हर कहानी अपने आप में कला के बूस्टर डोज़ का काम करती है। कहानी के ख़त्म होने पर आप शब्दों, किरदारों और भाषाई सौंदर्य में डूब जाते हैं, इसीलिए किताब का नाम “आओ दोस्त चिलम फोड़े” है।

कहानियां ने ही मानव सभ्यता को आकर दिया है, कहानियों की उम्र भी इंसानों जितनी ही है। यह किताब पढ़ पाठक कला के महासागर में गोते लगाने की तरह अनुभव करता है। इस किताब का मूल्य मात्र 179 रूपए है, जिसे अमेज़ोन और फ्लिपकार्ट जैसी साईट से प्राप्त किया जा सकता है।

किताब में मालवा की बोली का बेहद खूबसूरत प्रयोग है। ग्रामीण परिवेश की समस्याओं से लेकर शहर की भाग दौड़ तक के जीवन को इस किताब में बखूबी उतारा गया है। इस किताब को किसी भी आयु वर्ग का पाठक पढ़ सकता है, परन्तु फिर भी युवा लेखक के दृष्टिकोण को स्वस्थ रूप से समझने के लिए पाठक का मन युवा होना थोड़ा ज़रूरी हो जाता है। किताब में एक कमी यही नज़र आती है कि इसमें केवल दस कहानियां है, पाठक मन की प्यास साहित्य रुपी चिलम के नशे की और मांग करती है।

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